संवाददाता- (कृपा शंकर भट्ट)
उत्तरप्रदेश/सिद्धार्थनगर- जहां एक तरफ चीन में कॉरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है वहीं इस वायरस का असर चीन से सटे भारत जैसे अन्य देशों में देखने मिल सकता है, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों विशेषकर बॉर्डर के जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
कॉरोना वायरस को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ सेवा महानिदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा जन- समुदाय के लिए आवश्यक सूचना जारी किया है जिसे लेकर ज़िला सिद्धार्थनगर के स्वास्थ्य विभाग ने एसएसबी के साथ ज़िले के सभी बार्डरों पर लोगो को जागरूक किया और लोगो का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया इसके साथ ही पिछले महीने के भीतर अगर कोई चीन की यात्रा किए हों जिनको भी बुखार,खांसी या सांस लेने में दिक्कत है उनको नज़दीकी राजकीय चिकित्सालय में जांच व उपचार के लिए निर्देशित भी किया जा रहा है!
इन्ही कैंपो का जायजा लेने पहुँचे ज़िले के जिलाधिकारी व सीएमओ ने नेपाल से आने वाले लोगों से बातचीत की और एसएसबी व नेपाली पुलिस ,सिविल पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी कोरोना वायरस को लेकर सभी को सतर्क रहने को कहा!
मौके का जायजा लेने पहुँची ज़िले की सीएमओ ने कहा कि यहां पर डॉक्टरों की टीम लगाई गई है और स्पेशली जो नेपाली नागरिक चाइना से आ रहे हैं जो अट्ठाइस दिनों के भीतर चाइना गए होंगे उनकी स्क्रीनिंग होगी उनको आइसोलेट कर के जिला अस्पताल में रखेंगे वहां पर आइसोलेशन वार्ड भी बन गए हैं और सभी टीम जो जांच कर रहे हैं उनको ट्रिपल A मास्क दे दिया गया है जिससे इनको कोई इंफेक्शन न हो, एम्बुलेंस भी लगा दिया गया है और नगर पंचायत की गाड़ी से मुनादी भी करवाई गई, जिलाधिकारी ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ व प्रमुख सचिव के द्वारा निर्देश दिए गए थे कि जो बड़े बोर्डर है जो ज़िले पाँच है जहाँ से नेपाल के लोगो की एंट्री होती है वहां पर एसएसबी व सिविल पुलिस के स्वास्थ विभाग के नेपाल से आने वालों की जांच व ऐसे लोग जो एक महीने के भीतर जो चाइना गए होंगे या ऐसे लक्षण जिनको बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत वाले लोगों को स्क्रीन किया जा रहा है और अगर कुछ भी कन्फर्म होता है तो उनका सैम्पल लें और उसका सैंपल लखनऊ होते हुए महाराष्ट्र के पुणे जाता है
पर ऐसा कोई भी मिला नही है और बॉर्डर से सटे गांवों के प्रधानों के साथ बैठक की गई है सबको बोला गया है कि इस चीज़ पर सब अलर्ट पर रहे डीपीआरओ को बोला गया है सभी को मटेरियल दिए जा रहे हैं और डब्लूएचओ ने भी इसे इंटरनेशनल इमरजेंसी घोषित किया है तीन सौ से ज्यादा मौतें हो चुकी है और भारत मे दो की पुष्टि हुई यह आगे और भी बढ़ेगा तो इसको समय से रोकने के लिए सतर्कता बरते जब तक कि इसकी कोई वैक्सीन नही बन जाती है!
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