महाराष्ट्र के बुलडाना जिले के खामगांव शहर से सारे धर्म राजनैतिक और आम नागरिक विरोध की शक्ल में घर से बाहर निकले!
मोहम्मद वसीम सर- (जिला प्रतिनिधि)
महाराष्ट्र- बुलडाना जिले के खामगाव शहर में सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ विरोध जताते हुए कामकाज रहा बंद, साथ ही लोगों ने एक विशाल जनआक्रोशत रैली निकालकर केन्द्र सरकार के कानून व्यवस्था पर प्रतिक्रिया पेश करते हुए भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया!
मिली खबर के मुताबिक, देश के एक ऐसे राज्य से कानून व्यवस्था पर विरोध जताया जा रहा है जहां से भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब आंबेड़कर को जाना जाता है! इनकी शख्सियत किसी की मोहताज नही जिसे दुनियाभर के देशों ने संविधान रचईता के तौर पर सलाम किया है! देश के कानून व्यवस्था पर गर्व करने वाले भारत वासियों में महाराष्ट्र से आज उन्हीं के बनाऐ कानून को बदलने और कठोर किये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है!
देशभर में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग आंदोलन कर रहे हैं! लोग इसके खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएए/एनआरसी को देश का काला कानून बता रहे हैं!
अधिकार खबर के मुताबिक बुलडाना जिले के खामगांव शहर में सभी धर्मों, राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने एक जुट होकर, शनिवार 4 जनवरी 2020, पूरे इलाके में कामकाज बंद रखते हुए, केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन कानून को असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण, काला कानून बताते हुए विरोध जताया! महाराष्ट्र से विरोध में यहां हर धर्म-जात, राजनैतिक और सामाजिक लोगों के बीच एकता का सही प्रदर्शन देखा गया!
यहां जमीयते उलेमा-ए-हिंद तथा मजलिस-ए-इस्लामी ने प्रदर्शन का आगाज़ कर भव्य रैली आयोजित की! जिसमें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सवेरे 10 के आस-पास एक ऐतिहासिक रैली निकाल कर कानून को रोकने के लिए सरकार से आवाज़ लगाई! यहां व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से लोगों को इकट्ठा कर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें हजारों हिंदू, मुस्लिम और सिक्ख समाज के लोग शामिल रहे! इतनी भीड़ के बीच भी प्रदर्शन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ! आप को बता दें कि खामगांव सुरक्षा के मामले में एक संवेदनशील शहर के रूप में जाना जाता है!
मौके पर मुफ्ती मुहम्मद अशफाक कासिमी, और प्रदर्शनकारीयों के लिए सम्मानीय अतिथि (काजी, दारुल हुदा अकोला), मौलाना सैयद शाहनवाज हुसैन (अकोला के इमाम व खतीब, जुल्फिकार शाह मस्जिद) ने मौके पर सीएए एवं एनआरसी पर चर्चा की जिसमें सभी समुदाय के सामने खुलकर बिल का बहिष्कार किया गया!
प्रदर्शन के दौरान स्थानीय वक्ताओं में अघाडी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक भाऊ सोनवणे, पूर्व विधानसभा सदस्य दिलीप कुमार सानंदा, जमीयते उलेमा-ए-हिंद के मौलाना इमरान खान, जमाते इस्लामी के उमेर अहमद खान, गौसिया मस्जिद के इमाम व खतीब ष हफीज़ सहल निजामी और सिक्ख समाज के प्रतिनिधि एडवोकेट मंजीत सिंह, सीपीआई के कामरेड जाधव, संभाजी ब्रिगेड़ के जिल्हाध्यक्ष रवी महाले, बहुजन मुक्ति मोर्चा के प्रशांत दाभाळे, शेतकरी कामगार पक्ष के जितेंद्र चोपडे और कॉग्रेस सेवा दल के जिल्हाध्यक्ष तेजिंदर सिंग चौहान ने लोगों के सामने सीएए/एनआरसी पर निषेध जाहिर किया!
इमाम व खतीब, मौलवी यूनुस नदवी ने प्रदर्शन की अध्यक्षता के साथ केंद्र सरकार के लिए खामगांव से आवाज़ लगाई! प्रदर्शन के दौरान हाफिज सरफराज खान तथा (मशहूर नात ख्वॉ ) और मुहम्मद बिलाल शेख अलीम ने तराना-ए-हिंद पढ़ा!
मैदान में दोनों सदनों से, केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ एकता के साथ नारे गूंजे गऐलूे! इस मौके पर मौलाना अनीस अशरफी, मौसेकुल्लाह खान, हाफिज आज़मतुल्ला खान, मुफ्ती सिद्दीकी, मुफ्ती इबादुर्रहमान, हाफिज खलील, मौलवी कामरान, मौलाना वकार, हाफिज शकील, मौलाना सईद अहमद रिजवी, हाफिज अनीस, हाफ़िज ईमरान, हाजी बूढ़न खान आदि मौजूद थे! साथ ही हारून देशमुख, इदरीस जमादार, मुस्लिम लीग के नेता दिलशाद पहलवान, डॉ.नवेद देशमुख, एडवोकेट जेड.बी. शेख, एडवोकेट मोहम्मद आरिफ, एडवोकेट अजहर खान मौजूद थे! विरोध का संचालन शरीफ-उल-हसन और डॉ. वकार-उल-हक खान ने करते हुए प्रदर्शनकारीयों का आभार व्यक्त किया! प्रदर्शन के अंत में मौलवी यूनुस नदवी ने धार्मिक प्रार्थना करते हुए देश में अमन और शांति के लिए दुआ की!
प्रदर्शन मे लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘दस्तूर बचाओ समिति’ खामगांव प्रमुख के पत्र से नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए, इसे रद्द करनें के लिए भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया! इस सिलसिले मे इलाके के एसडीओ को लिखित जानकारी प्रदान गई!
विरोध के प्रदर्शन मे लगभग हजारों लोग शामिल हुए थे! खामगांव के मुसलमानों ने अपना कारोबार पूरी तरह से बंद कर दिया था! यहां तक कि श्रमिक वर्ग भी अपने काम के लिए नहीं गये! इस विरोध प्रदर्शन में कुछ ऐसी बातें भी हम बताना चाहते हैं जो भीड़ के बीच नज़र आने वाले कुछ ऐसे चेहरों के नाम हैं जिन्होंने केंद्र से कानून व्यवस्था चलाने वालों के लिए पूरी शांतिप्रिय तरीके से प्रभावित करते हुए, लोगों की हिफाजत पर काम करते देखे गये थे, शोहरत खान, जबीउल्लाह खान, अनीस जमादार, गुल्ज़माशाह, अब्दुल रशीद मिम्बर, नईम साहब, इब्राहिम खान, एहसानुल्लाह खान, अब्दुल रहमान बावा, फारूक मिम्बर, आरिफ पहलवान, मोहम्मद समी, नूर शाह, सैयद अकबर, डॉ.वसीम, अजमल खान, अब्दुल रहमान मेमन, सैयद आदिल, नजीब इकबाल, असलम साहब, सलीम मलिक, हाजी कलीम, दाऊद बेग, अनीस दुकानदार, बूढ़न चौधरी, आरिफ भाई, सैयद मुन्तखिब और वसिक नवेद ने प्रदर्शन में आए लोगों को हिफाजत के तौर पर सहकार्य करते देखे गए!
प्रदर्शन के दौरान, बहुजन वंचित आघाड़ी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक भाऊ सोनवणेे ने दस्तूर बचाव समिति के मौलाना मोहम्मद युनूस नदवी को अपना समर्थन देते हुए, एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में साथ देने की घोषणा की!
उन्होने डॉ. बाबा साहेब आंबेड़कर को याद करते हुए, उनके बनाए कानून में बदलाव का विरोध जताया! प्रदर्शनकारीयों ने विरोध को एेतिहासिक यादगार बनाने के लिए पूरे शहर में दान-उपवास और धार्मिक प्रार्थना का आयोजन किया!
केंद्र सरकार द्वारा पारित, कानून का विरोध प्रदर्शन खत्म करते समय, दस्तूर बचाओ समिति के लोगों ने महाराष्ट्र सरकार और यहां की सुरक्षा व्यवस्था का सम्मान कर पुलिस कर्मियों को गुलाब के फूल देकर आभार प्रकट किया!
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