भारत से अलग हुए बांग्लादेश की क्या है कहानी ?

भारत का पड़ोसी बना बांग्लादेश 1971 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत से अलग करके बांग्लादेश बनाया। भारत के कई राज्य को मिलाकर बांगलादेश की स्थापना।

The world History (न्यूज़ डेस्क)
भारत-
पाकिस्तान और बांग्लादेश का एक अजब कहानी है जो धर्म के नाम पर दोनों देश बने। भारत देश से हिंदू और मुस्लिम के नाम पर बांग्लादेश और पाकिस्तान को बनाया गया था।
1947 में पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू और जिन्ना की मिलीभगत से दो देश बनाए गए थे। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के दो अलग-अलग प्रधानमंत्री हो सकें। 1947 में भारत और पाकिस्तान अलग होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने और जिन्ना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने से पहले, उनकी मृत्यु हो गई।

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16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना के भारत के सामने आत्मसमर्पण करने के साथ ही ये संघर्ष खत्म हुआ। 16 दिसंबर को बांग्लादेश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो इसके दो टुकड़े भी हुए। मोहम्मद अली जिन्ना की मांग के मुताबिक मुस्लिम बहुल आबादी के लिए अलग राष्ट्र पाकिस्तान बना
1947 के समय में भी बंगाल राज्य में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा बंगाल खाड़ी स्थित कई गांवों को मिलाकर अलग से बंगाल देश बनाने की मांग की थी मगर उस समय बंगाल भारत का राज्य हुआ करता था।

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भारत के बंगाल राज्य को अलग करने के लिए बांग्लादेशी कट्टरपंथियों ने भी मांग उठाई। उस समय मांग में कहा जा रहा था, कि जिस राज्य में ज्यादा मुसलमान है उसे मुस्लिम देश घोषित कर देना चाहिए। उसी समय भारत और पाकिस्तान का बटवारा हुआ था। उसके कुछ साल बाद 1971 में इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को एक अलग देश बना दिया।

बांग्लादेश भारत से अलग क्यों हुआ?

बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम 1971 में हुआ था। इसे ‘मुक्ति संग्राम’ भी कहते हैं। यह युद्ध वर्ष 1971 में 25 मार्च से 16 दिसम्बर तक चला था। इस रक्तरंजित युद्ध के माध्यम सेे बांलादेश ने पाकिस्तान से स्वाधीनता प्राप्त की। 16 दिसम्बर सन् 1971 को बांग्लादेश बना।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश बनने के बाद बांग्लादेश को भारत से आर्थिक मदद भी दे रही थी। भारत में आम जनता से पैसे की टैक्स वसूली करके बांग्लादेश को इंदिरा गांधी मदद करती रही जो आज भी मदद किया जा रहा है।

बांग्लादेश के कट्टरपंथी की क्या देन हैं?

1971 में भारत और बांग्लादेश बनने के बाद में लाखों हिंदू बांग्लादेश से भारत चले आए। कुछ हिंदू वहां पर रह गए थे जिन्होंने अपना जमीन घर मकान नहीं छोड़ा उसी बांग्लादेश में रह गए।

बांग्लादेश बनने के बाद वहां सबसे ज्यादा माफियागिरी, गुंडागर्दी होता रहा। वहां के रह रहे हिंदुओं को हमेशा धर्म बदलने की हेतु धमकी देना मारपीट करना यही बांग्लादेशियों का कारण रहा है। वहां की आम जनता में इसी प्रकार से उतार-चढ़ाव चल रहा हैं।

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में क्या हुआ?

5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी इस्तीफा दे दी उसके बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठा मिडिया ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक कई मासूम लोगों की हत्याऐं हुई। उसमें सबसे ज्यादा हिंदुओं को मारा गया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी नेता भी मारे गए। उसके बाद बांग्लादेश में काफी हिंसा भड़क गई लगभग 240 लोग मारे गए।

बांग्लादेश के राजधानी ढाका में क्या हुआ?

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद उनके कार्यालय को जला दिया गया। तोड़फोड़ किया गया। शेख हसीना वहां से कैसे भी भाग कर भारत में अपनी प्राण बचाई ली है। बांग्लादेशी कट्टर उग्रवादी आतंकवादियों ने पूरे बांग्लादेश के सैकड़ो, हजारों हिंदुओं की दुकान जला दिए, लूट लिया। सैकड़ो हिंदू महिलाओं की हत्या करना मौलाना की धमकी हिंदू देश छोड़े याँ इस्लाम धर्म अपना लें। कट्टरपंथी बांग्लादेशियों ने हिंदुओं को धमकी दे रहे हैं। आज भी बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की हाहाकार और आगजनी जैसी हालत है। बांग्लादेश कट्टरपंथी आतंकवादियों के विरोध में बांग्लादेश की कट्टरपंथियों पर सख्त कार्रवाई के लिए अब तक दुनिया के किसी भी देश ने कोई कदम नहीं उठाया।

भारत बांग्लादेश बटवारे में शेख हसीना के पिता..

बांग्लादेश में कट्टरपंथी विचार धारा पूर्व व प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबर रहमान की देन है। शेख हसीना के पिता मुजीबर रहमान ने 1971 में पूर्व इंदिरा गांधी से मिलकर बांग्लादेश का स्थापना किया था। आज शेख हसीना उसी कदम पर अपने स्वार्थ के लिए राजनैतिक बदलाव करते हुए विरोध का शिकार हुई है। इस समय बांगलादेश के लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना को मारने के लिए गली गली ढूंढ रहे हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना अपनी प्राण बचाने के लिए भारत में शरण ले रखी है।

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शेख हसीना के पिता कट्टरपंथी थे। आज वही कट्टरपंथी लोगों ने शेख हसीना को मार भगाया। जैसा को तैसा। शेख हसीना के पिता भारत से विद्रोह करके भारत से अलग होकर बांग्लादेश बनाया था और आज वही कट्टरपंथी बने वहां के लोगों ने आज उसी की बेटी को मार भगाया। बांग्लादेश भारत की जमीन है। मगर बांग्लादेश में रह रहे कट्टरपंथी वह उनकी सोच है मगर भारत की संपत्ति थी। और आज वही कट्टरपंथी सोच बांग्लादेश के और भी लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है।

लोगों पर अन्याय कर रहे हैं, बलात्कार कर रहे हैं, दुकान लूट रहे हैं, घर लूट रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने पाकिस्तान बनाया। नेहरू की बेटी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश बनाया। कट्टरपंथियों के कारण दो देश बने जो धर्म का नाम हिंदू और मुस्लिम देश। मगर इतिहास यही रही है, कि इतिहास के सच्चाई को कोई बताते नहीं हैं। शेख हसीना के पिता बांग्लादेश का प्रथम पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबर रहमान व भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा भारत अलग बांग्लादेश बनाया गया था। अब आज बांग्लादेश में उन्हीं कट्टरपंथियों की देन है जो आज कट्टरपंथी बांग्लादेश को जला रहे हैं। लोगों पर अन्याय कर रहे हैं, बलात्कार कर रहे हैं, दुकान लूट रहे हैं, घर लूट रहे हैं। किसी भी देश का धर्म, जाति या समाज के नाम पर कट्टरपंथी चरम सीमा पर पहुँच जाए, तो उसका खात्मा किया जाना चाहिए ना कि देश छोड़ कर भाग जाना चाहिए।

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