मुम्बई में 14 बच्चों की तस्करी, 80 हजार से 7 लाख में बेचे गए; पुलिस ने 35 आरोपियों को किया गिरफ्तार

बाल तस्करी गिरोह ने पिछले डेढ़ साल में देश भर में निसंतान दंपत्तियों को तीन बच्चियों और 11 बच्चे बेचे है। हालांकि पुलिस ने तस्करी किये गये 14 बच्चों में से नौ बच्चों को मुम्बई, ठाणे, विशाखापत्तनम, हैदराबाद और सिकंदराबाद से बचाया है।

इस्माईल शेख
मुम्बई- 
देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में बाल तस्करी के बढ़ते मामले पुलिस और बच्चों के माता-पिता के लिए चिंता का विषय है। हालांकि मुम्बई पुलिस समय-समय पर चाइल्ड ट्रैफिकिंग गैंग को पकड़ कर अगवा हुए बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाने का काम कर रही है। (indian child trafficking, mumbai child trafficking, Mumbai child trafficking news)

क्राइम ब्रांच द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के अनुसार, इस साल अप्रैल में पकड़े गए बाल तस्करी गिरोह ने पिछले डेढ़ साल में देश भर में निसंतान दंपत्तियों को तीन बच्चियों और 11 बच्चे बेचे हैं। हालांकि पुलिस ने तस्करी किये गये 14 में से नौ बच्चों को मुम्बई, ठाणे, विशाखापत्तनम, हैदराबाद और सिकंदराबाद से बचाया है तथा मामले के संबंध में 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। (indian child trafficking, mumbai child trafficking, Mumbai child trafficking news)

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बच्चों की खरीद फरोख्त ..

क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि 5 महीने से 4 साल की उम्र के इन बच्चों को एजेंटों और डॉक्टरों के एक सुनियोजित नेटवर्क के जरिए 80 हजार से लेकर 7 लाख रुपये तक में बेचा गया है। (indian child trafficking, mumbai child trafficking, Mumbai child trafficking news)

पुलिस के मुताबिक, इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) केंद्रों से जुड़ी अंडा दाता और सरोगेट माताएं सिंडिकेट और निसंतान दंपत्तियों के बीच संपर्क का पहला बिंदु होती हैं। वे आईवीएफ केंद्रों के ग्राहकों में से नवजात शिशुओं को खरीदने के इच्छुक दंपत्तियों की पहचान करती है और खरीदार एजेंटों से संपर्क करते हैं। ये लोग फुटपाथों और झुग्गी-झोपड़ियों में घूमते हैं और हाल ही में बच्चों को जन्म देने वाली गरीब, जरूरतमंद महिलाओं को उन्हें कीमत पर बेचने के लिए राजी करते हैं। (indian child trafficking, mumbai child trafficking, Mumbai child trafficking news)

महिलाओं की गिरफ्तारी ..

मामले में गिरफ्तार की गई तीन महिला एजेंट इस सिंडिकेट की मुख्य खिलाड़ी थीं। उनमें से दो शीतल वारे और स्नेहा सूर्यवंशी मुम्बई की हैं जबकि तीसरी, संतोषी गंगाराम रेड्डी, हैदराबाद की है। कुछ बच्चों को कथित तौर पर डॉ. संजय खंडारे के माध्यम से बेचा गया, जो एक अन्य गिरफ्तार आरोपी है और ठाणे में एक छोटा अस्पताल चलाता है। (indian child trafficking, mumbai child trafficking, Mumbai child trafficking news)


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