वी बी माणिक
मुंबई- भारतीय रेल का नया इतिहास खड़ा करने के चक्कर मे रेल सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक (Director General) संजय चंदर ने एक नए फार्मूले का इजाफा किया है। जिसका नाम है ट्रांसफर मोडिफिकेशन मॉडल (टी एम एम ) इसका मतलब अभी तक किसी को समझ मे नही आया है। अभी तक कोई आईजी भी समझ नही पाए है। इस वर्ष मार्च 2023 में होने वाले निरीक्षको, उप निरीक्षको और अन्य आरपीएफ के जवानों का ट्रांसफर नही हो पाया है।
RPF डिजी का नया फंडा ..
सभी रेलवे जोन में इस पर ज़ोरों शोरों से काम चल रहा है। फिर भी पूरा नही हो रहा है अधिकांश बुद्धिमान अधिकारी रात दिन मिलकर काम कर रहे है। लेकिन ट्रांसफर की लिस्ट अभी तक तैयार नही हुई है। जिनका ट्रांसफर का समय हो गया है। ऐसे सारे निरीक्षक और उनके सहकर्मी बड़ी बेचैनी से अपने आईजी ऑफिस की तरफ निगाहे लगाए बैठे है। फिर भी कोई समाचार नही मिल रहा है इन कर्मचारियों के बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
आपको बता दें कि ट्रांसफर होने के बाद कर्मचारी एवं अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अपने तबादले के साथ-साथ बच्चों का उनकी स्कूलों में एडमिशन कराना है। स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गयी है। नही तो ये निरीक्षक अपने परिवार को छोड़कर पोस्टिंग की जगह पर ड्यूटी करने के लिए भाग्य हो सकते हैं। अधिकारी एवं कर्मचारियों की समस्या से डीजी को कोई फर्क नही पड़ता।
मार्च से जुलाई महीना समाप्त होने के करीब है। इसके साथ ही 31 जुलाई को डीजी संजय चंदर का रिटायरमेंट है। इनको क्या फर्क पड़ने वाला है। कोई भी निरीक्षक विरोध करने की ताकत नही रखता। अगर किसी ने मुँह खोला तो सीधे निरीक्षक का ट्रांसफर जंगल मे कर दिया जायेगा। सीधे उसको चार्जशीट पकड़ा दिया जायेगा। इस समय आरपीएफ में भय का माहौल है। कितने निरीक्षक तो अपना बोरिया बिस्तरा बाँधकर तैयार बैठे है। समझ मे नही आ रहा है, कि आरपीएफ का भविष्य कितना उज्जवल है।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Pingback: मनोज यादव होंगे आरपीएफ के नए महानिदेशक - Indian Fasttrack (Electronic Media)