संवाददाता – (अशफाक खान)
तेलंगाना – एक दिन का पुलिस कमिश्नर वाली खबर काफी चर्चा मे है ये किसी फिल्मी जुमला जैसे प्रतीत होता है, पर पिछले कई सालों से रियल लाईफ मे भी एैसे हमें देखने का मौका मीला है! इस खबर को पूरा पढ़ने पर आप समझ ही जाएंगे क्या है मामला?
17 साल की उम्र में पुलिस कमिश्नर बन गई…
दरअसल इस बार 17 साल की बच्ची तेलंगाना शहर की पुलिस कमिश्नर बनी और अपने सपने पूरे होने की खुशी मे मिड़ीया से मुखातिब होकर लोगों की समस्या पर अपना सुझाव पेश किया! 17 वर्षीय राम्या ने उनके सपने को पूरा करने वाले पुलिस कमिश्नर महेश भागवत का शुक्रिया अदा करते हुए उनका आभार माना!
राम्या की जिंदगी है खतरे मे…
पढ़ाई मे होनहार रही राम्या ने बताया कि जब वह स्कूल जाया करती थी, तो बस एक ही सपना देखती थी कि बड़ी होकर वह एक पुलिस अफसर बनेगी, पर कुछ साल पहले मिले खबर के बाद उसकी जिंदगी ही बदल गई, राम्या को पता चला कि उसे कैंसर है और बस यह जानने के बाद मानो उसके सारे सपने ही चकनाचूर हो गए! इस खबर के बाद राम्या अपने बचे हुऐ दिन को संजोने मे व्यस्त रहने लगी!
पुलिस ने की मदद…
17 वर्षीय राम्या के पुलिस अफसर बनने के सपने के बारे में जब तेलंगाना के एक पुलिस को पता चला, तो उन्होंने उसके सपने को पूरा करने के लिए अपने आला अधिकारियों के मदद से शहर के पुलिस उपायुक्त से इसकी चर्चा की, इस चर्चे के बाद पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने उस बच्ची के बची हुई जिंदगी को उसके लिए एक यादगार पल बनाते हुए राम्या को अपनी एक दिन की ड्यूटी सौप कर पूरे शहर के तरफ से इंसानियत की बेमिसाल पेशकश हिन्दुस्तान की मुहब्बत और संस्कृति का उदाहरण दिया! तय मुताबिक ब्लड कैंसर से जूझती राम्या को एक दिन का पुलिस कमिश्नर बनाया गया, मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों ने देखा कि राम्या बहुत खुश है! इस खुशी के मौके पर राम्या ने कैमरे के सामने क्या जाहिर किया ये आप भी अगर जानना चाहते हैं तो खबर पूरी पढें!
मंगलवार को राचाकोंड़ा पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने राम्या को एक दिन के लिए पुलिस कमिश्नर बनाकर उसके सपने को पूरा किया! इसके लिए राम्या ने बताया की एक सामाजिक संस्था ने उसकी पूरी मदद की है! इसके लिए पुलिस विभाग को लगातार संपर्क किया गया, बच्ची के हालात से रूबरू कराया गया! मीडिया से मुलाकात मे, एक दिन की पुलिस कमिश्नर बनने के बाद राम्या ने कहा, कि वे एक दिन के लिए इस पद को पाकर काफी खुश हैं!
देना चाहती थी ओर्डर…
उनका कहना है कि अगर भविष्य में पुलिस अफसर बनती हैं तो वे अपने क्षेत्र की कानून व्यवस्था और ट्रैफिक नियमों पर खासतौर पर ध्यान देंगी, उन्होंने यह भी कहा कि वे महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को कम करने की ओर ध्यान देंगी!
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