एड्वटाइज़िग कंपनी द्वारा पर्यावरण को नुकसान

  • बिज़नस को बढ़ावा देने के लिए कब तक देना होगा बलिदान?
  • होर्डिंग लगाने वाली अपैक्स( APEX) नामक कंपनी पर्यावरण के साथ कर सकती है खिलवाड़।
  • अपने फायदे के लिए बैनर होर्डिंग लगाने वाले कंपनियां पर्यावरण के साथ करते हैं खिलवाड़।
  • बीएमसी अधिकारियों की मिलीभगत से बे वजय पेड़ों की कर देते हैं छटाई और कटाई।

विशेष संवाददाता (indian fasttrack News Network)
मुंबई-
शहर के बीचो-बीच जुहू चौपाटी जेडब्ल्यू मैरियट के पास लगाया गया होर्डिंग (कटआउट) पूरी तरह से दिखे और लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने इसलिए उसके सामने आने वाले पीपल और नारियल के पेट काट दिए जाएंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि कई बार देखा गया है म, कि जब बैनर होर्डिंग पोस्टर के सामने कोई पेड़ आता है तो उसकी कटाई कर दी जाती है। लिहाजा पर्यावरण पर इसका बड़ा असर पड़ता है। ऐसे और भी कई मुनाफे के कारण शहर के धीरे-धीरे पेड़ नष्ट हो रहे हैं। इसपर ध्यान देनेकी ज़रूरत है।

मुंबई के जुहू तारा रोड पर साफ तौर पर आप देख सकते है, कि एक बड़ा हार्डिंग बोर्ड लगाया गया है। होर्डिंग लगाने वाली अपैक्स नामक कंपनी अपने एड्वटाइज़िग को दिखने के लिए हरे भरे पीपल के पेड़ की टहनी और नारियल के पेड़ काट सकती हैं, जिससे पर्यावरण को हानी होगी। बृहन्मुंबई महानगर पालिका और जिम्मेदार लोगों को चाहिए कि ऐसे जगहों पर ऐसी चीजों के लिए अनुमति न दें।

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बिज़नस को बढ़ावा देने के लिए कब तक देना होगा बलिदान?

बिज़नस, बलिदान,
मुंबई के जुहू तरा रोड़ के किनारे लगे एड्वटाइज़िग कंपनी की होर्डिंग की तस्वीर।

अब देखना होगा, कि इस खबर के प्रकाशित होने के बाद प्रशासन और महानगर पालिका का अंधेरी स्थित के/ वेस्ट वार्ड के जिम्मेदार अधिकारी किस तरीके की गंभीरता दिखाते हैं और क्या इन हरे-भरे पेड़ों को चिन्हित कर वृक्षों की सुरक्षा करते हैं। फिलहाल शहर के लोग यहां की आबो-हवा के दूषित होने के कारण अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। यह मैं नहीं कहता सरकारी आकड़े खुद जवाव दे रहे हैं।

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सरकार एक तरफ मुंबईकरों की सेहत के लिए चिंता व्यक्त करती है और दूसरी तरफ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले जिम्मेदार सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारियों की पीठ थपथपाती है। लेकिन लगता नहीं कि राज्य की नई सरकार ऐसा करने देगी। पिछले कोरोनाकाल का हाल देख चुकी महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज़ भाजपा एवं शिंदे सरकार ऐसा होने नहीं देगी। ऐसा विश्वास मुंबई के लोगों के बीच जरूर बना हुआ है।


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