Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में नए साल में नए समीकरण की संभावनाएं दिखने लगी हैं। नगर निगम और पंचायती चुनाव से पहले महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ गई है। देवेंद्र फडणवीस और उद्धव के बीच कुछ तो पक रहा है। सवाल है कि क्या दो पुराने बिछड़े दोस्तों का मेल होगा? ऐसा इसलिए क्योंकि देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। खुद फडणवीस और उद्धव ने अपने बयानों से इन अटकलों को और हवा दे दी है। खुद देवेन्द्र फडणवीस ने संकेत दिया है कि उद्धव सेना और बीजेपी के बीच गठबंधन हो सकता है। फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बयानों पर अगर नजर डालें तो दोनों ही कहते हुए पाए जा रहे हैं कि “राजनीति में कुछ भी असंभ नहीं है।” (2 long lost friends will meet, Fadnavis and Uddhav’s voices will be united)
अकेले चुनाव लड़ने का फैसला
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा कि शिवसेना (UBT) ने आगामी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि पार्टी को यह अहसास हो गया है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर कांग्रेस के साथ गठबंधन करना एक बड़ी भूल थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) की हार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच, इसके प्रमुख घटक दल शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने दिन में घोषणा की थी कि वह स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। (2 long lost friends will meet, Fadnavis and Uddhav’s voices will be united)
अलग क्यों हुए?
उद्धव ठाकरे ने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के साथ कई दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था और दावा किया था कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादे को पूरा नहीं किया इसलिए वह अलग हो रहे है। उन्होंने कांग्रेस और (अविभाजित) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया और 2019 से 2022 तक मुख्यमंत्री रहे। (2 long lost friends will meet, Fadnavis and Uddhav’s voices will be united)
कल क्या होगा ?
खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र में सियासी लहर तेजी से बहने लगी है। कारण कि देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे ने भविष्य में हाथ मिलाने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। नागपुर के एक कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से यूबीटी और बीजेपी के साथ आने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ जवाब नहीं दिया। उन्होंने घुमाकर कहा, ‘राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।’ फडणवीस का यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि उद्धव का सुर भी कुछ ऐसा ही था। जब मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूबीटी चीफ उद्धव से भी यही सवाल पूछा गया था। तो उन्होंने कहा, ‘राजनीति में कुछ भी हो सकता है। यह नहीं कह सकते कि कल क्या होगा।’ (2 long lost friends will meet, Fadnavis and Uddhav’s voices will be united)
दोनों के एक जैसे बोल
दरअसल, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने एक इंटरव्यू में राज ठाकरे या उद्धव ठाकरे से पूछे गए एक सवाल पर सांकेतिक प्रतिक्रिया दी। फडणवीस ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे पहले हमारे मित्र थे। अब राज ठाकरे हमारे मित्र हैं।’ लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे हमारे दुश्मन नहीं हैं। राजनीति विशेषज्ञ मुख्यमंत्री के ऐसे घुमावदार बयानों को गठबंधन के संकेत के रूप में देख रहे हैं। क्योंकि राज्य में नगर निगम और पंचायती चुनाव होने जा रहे हैं। नए समीकरण को लेकर हैरानी इसलिए भी नहीं हो रही है, क्योंकि चुनाव से पहले उद्धव और फडणवीस दोनों एक-दूसरे पर हमलावर थे। मगर अब दोनों एक-दूसरे के प्रति नरमी दिखा रहे हैं। दोनों ही एक जैसी भाषा बोल रहे हैं। (2 long lost friends will meet, Fadnavis and Uddhav’s voices will be united)
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