कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और समाज कल्याण के लिए शराब की दुकानों को जल्द से जल्द बंद करें
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इस्माइल शेख
मुंबई– एक तरफ, ‘कोरोना’ वायरस का प्रकोप लोगों के जीवन को प्रभावित नही कर सके, इसके लिए सरकारों ने आर्थिक हानी सहन करते हुए ‘संचार पर प्रतिबंध’ का साहसिक और सराहनीय निर्णय लिया है! लेकिन दूसरी तरफ केवल राजस्व को बढ़ाने के लिए शराब की दुकानें खोलने का फैसला, देश में कोरोना की घटनाओं को और ज्यादा बढ़ाने की संभावना उत्पन्न कर रहा है! इसपर ‘हिंदू जनजागृति समिति’ ने केंद्र और राज्य सरकार से शराब की दुकानों को बंद करने का मांग की है!
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समिति के राष्टीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने बताया, कि ‘शराब के कारण महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों में गलत संस्कार और लाखों परिवार पर इसका बूरा असर नही पडना चाहिए! इसके लिए ‘हिंदू जनजागृति समिति’ ने शराब की दुकानें खोलने के फैसले को तुरंत रद्द करने और कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकने की केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है!’
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उन्होंने आगे बताया, कि ‘शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दिये जाने से आज कई जगहों पर लंबी कतारें देखी जा रही है! देश में कोरोना के प्रभाव से लोगों की मौत हो रही है इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है और यहां शराब की दुकानों के बाहर ऐसी स्थिति काफी भयावह दिखाई दे रही है!’
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वायरस से बचने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नियमों का हवाला देते हुए शिंदे ने बताया, कि ‘सरकार द्वारा निर्धारित, अर्थात ‘सामाजिक दूरी’, मास्क पहनना, धारा 144 के तहत चार व्यक्तियों का एकसाथ न आना और घर पर रहना आदि सभी नियमों को लोग अपने पैरों तले कुचल कर रौंद रहे हैं! अगर शराब नही पी कर यह स्थिति बनी हुई है, तो शराब पीने के बाद शराब के नशे में लोग क्या कर सकते हैं, इसपर नहीं सोचें तो ही बेहतर है! शराब कहीं जीवनावश्यक जरुरत तो नहीं है! इस निर्णय से देश में ‘कोरोना’ वायरस की बढ़ने की संभावना और अधिक बढ़ गई है! ऐसे में शराब के कारोबार को प्रोत्साहित करने का मतलब सीधे तौर से देश में बढ़ते क्राईम और अत्याचार की तस्वीरें देखने को मिल सकती है!’
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शराब के नशे में देश भर में हुए अपराध पर जोर देते हुए शिंदे ने कहा, कि ‘देश भर में शराब के नशे में होने वाले क्राईम की संख्या सबसे अधिक देखी गई है! शराब के नशे में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार लगातार प्रकाशित में आ चुके हैं! हत्या, मारा-मारी, आत्महत्या, परिवारिक हिंसा ऐसे अनेक मामलों में शराब का नशा हमेशा से देखा गया है! मिलावटी शराब से होने वाली मृत्यु की कहानी और भी निराली है!’ हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने बताया कि’ समाज के साथ-साथ देश के हित के लिए, शराब की दुकानों को अनुमति देने का निर्णय केंद्र और सभी राज्य सरकारों द्वारा तुरंत वापस लिया जाना चाहिए!’ उन्होंने यह भी बताया, कि इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को पत्र देकर अपील की गई है!
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