सख्ती से ‘लॉकडाउन’ लागू करें, राज्य को ग्रीन ज़ोन में लाने के लिए ठोस परिणाम दिखने चाहिए- मुख्यमंत्री ने प्रशासन को दिए स्पष्ट निर्देश

  • राज्य की पुलिस से मुख्यमंत्री ने क्या कहा..
  • मई के आख़िर तक पूरा राज्य ग्रीन ज़ोन हो जाना चाहिए..
  • रेड ज़ोन से बाकी ज़ोनों को संक्रमण नही होना चाहिए..
  • नॉन-कोविड मरीज़ों को दुर्लक्षित न करें..
  • रोगियों की जानकारी हमेशा अप-टू-डेट रखें..
  • नए कोविड योद्धा जल्दी ही उतरेंगें मैदान में..
  • देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के हुए कोविड-19 के परीक्षण..

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नितिन तोरस्कर
मुंबई-
राज्य के ‘कोरोना’ मरीज़ो की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए सोमवार 4 अप्रैल राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए प्रशासन को सख्ती के आदेश दिये है! उन्होंने कहा, कि ‘आर्थिक चक्र जारी रहना चाहिए, इसलिए हमने कुछ ज़ोन के मुताबिक हलकी छूट दी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं, कि हमें लॉकडाउन से मुक्ति मील गई हैं!’ विभागीय आयुक्त, कलेक्टर, नगर पालिका आयुक्त, पुलिस इन सभी को, किसी भी तरह ‘लॉकडाउन’ पर सख्ती से पेश आते हुए अपने-अपने क्षेत्र को जल्द से जल्द ग्रीन ज़ोन में लाने के निर्देश दिए गए हैं!

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राज्य की पुलिस से मुख्यमंत्री ने क्या कहा..
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल एक वीडियो कांफ्रेंस में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा, कि ‘जिला कलेक्टर को स्थानीय स्थिति के अनुसार सही निर्णय लेना होगा, लेकिन अमल करने में समय की बर्बादी नहीं होनी चाहिए!’ इस विडियो कॉन्फ़्रेंस में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी शामिल थे! मुख्यमंत्री ने कॉन्फ़्रेंस के जरिए राज्य की पुलिस को निर्देश देते हुए कहा, कि ‘जरा सी छुट मिलते ही, नागरिकों को जैसे मुक्ति मिल गई हो, कुछ शहरों में लोग यहां-वहां टहलते देखे जा रहे हैं जो, काफी गंभीर विषय है! मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भीड़भाड़ न हो और यह भी देखना होगा कि लोगों के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहे!’

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मई की आख़िर तक पूरा राज्य ग्रीन ज़ोन होना चाहिए..
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, कि ‘सभी विभागीय आयुक्त, कलेक्टर, नगर पालिका आयुक्त, चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ पुलिस का संपूर्ण दल राज्य में ‘कोरोना’ की स्थिति को जिस तरीके से संभाल रही है, वह काफी सराहनीय है, जिसकी मैं, जितनी भी प्रशंसा करु वो कम है, लेकिन मुझे आने वाले कुछ दिनों में ठोस परिणाम दिखना चाहिए!’ आगे उन्होंने कहा, कि ”लॉकडाउन‘ करना आसान था, लेकिन अब असली परीक्षा है जब इसमें ढील दी जा रही है!’ साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी, कि ‘कुछ जिलों में अभी भी शिकायतें मिल रही हैं कि वहां ‘लॉकडाउन’ का सही से पालन नहीं किया जा रहा है! मैं, जानता हूँ कि, हम कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मई महीने के अंत तक पूरा राज्य बडे पैमाने पर ग्रीन ज़ोन में तबदील होना चाहिए!’

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रेड ज़ोन से बाकी ज़ोनों को संक्रमण नही होना चाहिए..
मुख्यमंत्री ने ‘लॉकडाउन’ के बीच फिर से कारोबार को दी गई अनुमति पर विशेष ध्यान देने को कहा और बताया, कि ‘ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में, हम ने कुछ कारोबार की शुरूआत की हैं, लेकिन यहां रेड ज़ोन से कोई नहीं आए इसपर सावधानी बरतनी होगी! संक्रमण फैल सकता है! क्योंकि ‘कोरोना’ के लक्षण आम तौर पर पता नही चलता हैं! बहुत से लोग कार्यस्थल पर जाकर अपना काम ही करते हैं, और खतरे को फैला देते हैं! हमें इसपर भी ध्यान देने की ज़रूरत है!’ साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी बताया, कि ‘कुछ चिकित्सा कर्मचारी और पुलिस को संक्रमण हुआ है जो चिंता को और बढ़ाने वाली है!’ गड़बड़ी से बचने की चेतावनी देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, कि ‘घाई और गड़बड़ी में हमें कुछ भी करने की जरुरत नही है! अब तक, परिस्थिति के कारण जो आर्थिक नुकसान होना था हो ही रहा है, लेकिन हमारे प्रयत्नों के बल पर नियंत्रण किए हुए परिस्थिति को किसी भी कारणवश पूरी तरह रोकते हुए आगे नुकसान नही होने देना ही महत्वपूर्ण है!’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘जिले की सीमाएं बंद ही रहेंगी और फंसे हुए लोगों का आना-जाना नियमों की सख्ती से पालन करते हुए किया जाना चाहिए! रोग फैल सकता है!’

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नॉन-कोविड मरीज़ों को दुर्लक्षित न करें..
इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मार्गदर्शन देते हुए कहा कि ‘ज्यादा से ज्यादा संख्या में रोगियों का पता लगाना और कोविड तथा नॉन-कोविड ये दोनों रोगियों के लिए ही उनको उचित समय पर उपचार मिलना महत्वपूर्ण है!’ उन्होंने डॉक्टरों से भी अपील करते हुए कहा, कि ‘अपने-अपने इलाकों के चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अच्छे लोगों को अपने साथ शामिल करते हुए इस काम में जुड़ जाएं!’

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रोगियों की जानकारी हमेशा अप-टू-डेट रखें..
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता ने कहा कि ‘राज्य के शहरी भागों से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की घुसपैठ को रोकना महत्वपूर्ण है! कलेक्टर, नगर पालिका आयुक्तों को ‘कोरोना‘ से संबंधित रोगियों की पूरी जानकारी अप-टू-डेट रखनी होगी! साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षण रिपोर्ट समय पर प्राप्त हो!’ कॉन्फ़्रेंस के जरिए आगे उन्होंने बताया, कि ‘आयसीएमआर का डाटा ही प्रमाणित माना जाएगा! इसमें किसी भी तरह की गलती नही होनी चाहिए!’ साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ‘कंटेनमेंट क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाना चाहिए! इस का क्षेत्रफल जितना छोटा हो सके उतना करें! चारों तरफ से यह बंद होना चाहिए! इसके अंदर समय-समय पर लोगों की जांच, सुरक्षित अंतर, सेनिटाईजेशन, जरुरी चीजों की पुर्तता होती रहनी चाहिए और इसके अंदर के लोग भी नियमों का सही से पालन कर रहे हैं कि नही यह भी देखते रहना चाहिए!’

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नए कोविड योद्धा जल्द ही उतरेंगे मैदान में..
इस अवसर पर राज्य के प्रधान सचिव भूषण गगराणी ने राज्य में ‘कोरोना’ के विरुद्ध लड़ाई की प्रशिक्षण ले रहे लोगों के बारे में बताया, कि ‘कोविड योद्धाओं के रूप में भाग लेने वालों का प्रशिक्षण दो- तीन दिनों में पूरा हो जाएगा और फिर वे सभी जिलों में चिकित्सा सेवाओं के लिए जा सकते हैं!’ उन्होंने यह भी बताया कि ‘पर्वतारोहियों का महासंघ इसके लिए आगे आया है, उनके कार्यकर्ताओं ने प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण ले ली है और अहमद नगर, ठाणे तथा सांगली जिले में प्रशासन की मदद करने के लिए तैयार हैं!’

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देश में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के हुए कोविड-19 के परीक्षण..
प्रधान सचिव राजीव जलोटा ने इस मौके पर कोरोना के मामले में जिलों के आंकड़ों और निष्कर्षों का कंप्यूटर विश्लेषण किया और 5 दिन के औसतन जानकारी पेश की! प्रधान सचिव प्रदीप व्यास ने भी इसी के तहत जानकारी दी! जानकारी के मुताबिक, देश में कुल मरीजों की संख्या का 31 प्रतिशत मरीज़ महाराष्ट्र में है और देश में होने वाली कुल मौतों का 40 प्रतिशत महाराष्ट्र में मौत हुई है! मरीज़ों में ठीक होकर घर लौट चुके लोगों की संख्या 19 प्रतिशत है, तो वहीं मरीज़ों की संख्या दुगुना कालावधि का औसतन प्रतिदिन 9.3 हो गया है, जब की पूरे देश में दुगुना हुए मरीज़ों की संख्या की कालावधी औरतन 11.3 प्रतिदिन है! देश में मृत्यु दर 3.23 प्रतिशत है, जबकि महाराष्ट्र में यह घटकर 4.22 प्रतिशत पर आ गई है! महाराष्ट्र में प्रति मिलियन 1225 परीक्षणों की संख्या देश में सबसे अधिक है! ऐसी जानकारी प्रधान सचिव ने दी! बैठक में यह भी कहा गया कि उन जिलों में अधिक देखभाल की जरुरत है, जहां मरीज़ो के दोहरीकरण की अवधि कम है और मृत्यु दर अधिक है! प्रधान सचिव राजीव मित्तल और डॉ नितीन करीर ने इस मौके पर प्रवासी मजदूरों को उनके घरों के लिए किस तरीके से रवाना किया जा रहा है इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को दी!

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