नितिन तोरस्कर
मुंबई- उत्तर मुंबई के भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी फिर एक बार झोपडपट्टी के पहले महले को लेकर राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाया! प्रलंबित मुद्दे को राह दिखाकर लोगों को सरकारी नियमों के हवाले से हो रहे नुकसान पर अंकुश लगाने की मांग की है! केंद्र सरकार के बाद अब राज्य के गृह निर्माण मंत्री से बुधवार को सांसद गोपाल शेट्टी ने मिलकर झोपड़ा धारकों के विषय में SRA के तहत हो रहे नुकलान पर विस्तृत चर्चा की!
Mumbai BMC: P/N वार्ड के अवैध निर्माण को काले धंधे..
आप को बता दें की, देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई की मायानगरी में उंची इमारतों के साथ-साथ झुग्गी तो नहीं कहा जा सकता पर झोपडपट्टियों का काफी इलाका यहां बसा हुआ है! जिसे राज्य सरकार SRA सरकारी योजना के तहत झोपड़ों को हटाकर वहीं झोपड़ा धारकों को इमारत में घर देने का काम कर रही है! इसमें और अधिक जानकारी देते हुए आप को बता दें की, इन झोपडपट्टियों में रहने वाले परिवार में ज्यादा लोग और जगह कम होने की वजह से लोगों ने मन मुताबिक अपने झोपडे के उपर महला बनाकर रह रहे हैं! सरकारी नियमानुसार इसकी गिनती नहीं मानी जाती! जब कहीं SRA योजना के तहत डेव्हलप्मेंट का काम होता है वहां लोगों को भारी नुकसान सहना पड़ता है!
हाला कि झोपडे पर बीना नियम और कानून के बांधकाम कर लोगों का उसमें रहना सरकारी नियमानुसार मान्य नहीं होना चाहिए! लेकिन परिस्थितियों के कारण अपनी जमा-पूंजी का इस्तेमाल कर घर बनाकर जीवन बिताना और इसी बीच सरकारी नियमों के कारण उसका आशियाना छीन जाना बेहद गंभीर वाक्या है! इसके लिए सांसद गोपाल शेट्टी केंद्र और राज्य सरकार से पहले महले को भी मान्यता दिये जाने की मांग पिछले कई सालों से कर रहे हैं! इस मांग को पूरा करने के लिए बुधवार को राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र अह्वाड से मुलाकात कर सरकारी नियम सन् 2000 के पहले बन चुके झोपड़ों की मान्यता पर जीआर. भी याद दिलाया!
इससे पहले सांसद गोपाल शेट्टी ने अपने 9 अप्रैल 2020 के पत्र में देश के गृह निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी को लिखा की, मुंबई के झोपडपट्टियों के पहले महले को भी सरकारी योजना के तहत समावेश किया जाना चाहिए! साथ ही उस पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार को झोपडपट्टी के विषय में अपने संशोधन पेश कर गरीब झोपड़ा धारकों के मुंद्दों पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है! वहीं 2 मई 2020 के पत्र में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी इस विषय पर विचार कर निर्देश जारी करने की अपील की है!
महाराष्ट्र के प्रवासी मजदूरों ने कृषि क्षेत्र की ओर रुख किया! म्हसळा के फसल क्षेत्र में हुई वृद्धि!!
22 जुलाई 2020 बुधवार को खुद गोपाल शेट्टी ने राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र अह्वाड से मुलाकात कर इसपर विस्तृत चर्चा की! जितेंद्र अह्वाड ने गोपाल शेट्टी के लगातार इस विषय पर पत्राचार और अभ्यास को देखते हुए, राज्य के कानून व्यवस्था (law and judiciary department) को सकारात्मक प्रतिसाद के आदेश दिए हैं!
महाराष्ट्र सरकार तथा केंद्र से लोगों को मदद दिलाने में स्थानीय पालक मंत्री एवं सांसद का अहम योगदान!!
आप को बता दें की, उत्तर मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी ने अपनी आधी से ज्यादा ज़िन्दगी इन्हीं झोपडपट्टी के बीच गुजारी है! उन्ही लोगों की समस्याओं को सुलझाते-सुलझाते कम पढ़े लिखे होने के बावजूद वह इस वक्त उनकी आवाज बन संसद पहुच गए हैं! झोपड़ा धारकों और SRA के नियमों में फंसे झोपडपट्टी वासियों का कहना है की हमारे बीच रहने वाला व्यक्ति ही हमारी समस्या को सही मायने में समझ सकता है और गोपाल शेट्टी ने झोपडपट्टी में दिन गुजरा वह हमारी समस्याओं को बखूबी जानते हैं!
Maharashtra: कैबिनेट मंत्री असलम शेख की रिपोर्ट आई “कोरोना पॉजिटिव” हुए “क्वॉरंटाइन”!!
गोपाल शेट्टी ने बताया, कि “एक झोपडपट्टी में रहने वाले व्यक्ति की दौलत उसका घर ही सब कुछ होता है! इसे बनाने के लिए उसकी पूरी जिंदगी की जमा पूंजी खत्म हो जाती है! दिन-ब-दिन लोगों का परिवार बढ़ता है! पर गरीब लोगों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ती की वो मुंबई जैसे शहर में परिवार के हर जोडे के लिए घर खरीद सकें! आखिर अपने झोपड़े को ही महला बना कर रह लेता है! उसमें भी उसकी जमा पूंजी खर्च हो जाती है! ऐसे में उसे अगर सरकारी योजना में शामिल कर लिया जाता है तो उसकी जिंदगी आसान हो सकती है! नहीं तो इमारत में एक को घर मिला उसे बेचकर परिवार में बटवारा और फिर कहीं झोपड़े में रहने या मुंबई से पलायन करने पर लोग मजबूर हो जाऐंगे!” उन्होंने यह भी कहा, कि “देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वप्न है ‘हर गरीब को घर मिले’ मेरा भी इन झोपड़ा धारकों के लिए यही स्वप्न है!”
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.