महाराष्ट्र साईबर सेल की सोशल मीडिया पर है, बारिक नजर..
- ‘लॉकडाउन’ के बीच बढ़ते मामले..
- इंटरनेट का हो रहा है ज्यादा इस्तेमाल, लोगों को मिला सहारा..
- साईबर सेल ने लिया जन-जागृति का सहारा..
- साईबर क्राईम से बचने के लिए लोगों को दी हिदायत..
संवाददाता- (इस्माइल शेख)
मुंबई – दुनिया भर में इन दिनों ‘कोरोना’ वायरस से जूझ रहे लोगों को जाने-अंजाने में भ्रमित करने का काम किया जा रहा है! ऐसे अपराध पर रोकथाम के लिए महाराष्ट्र साईबर सेल लगातार मामला दर्ज कर अपराधियों पर कार्रवाई कर मुकदमा चलाने का काम कर रही है!
‘लॉकडाउन’ के बीच बढ़ते मामले..
महाराष्ट्र के पुलिस अधीक्षक डॉ. बालसिंग राजपूत ने बताया, कि “लॉकडाउन’ से लेकर रविवार 12 अप्रैल तक, महाराष्ट्र में सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों, अफवाहों और अभद्र भाषा के संबंध में कुल 177 मामले दर्ज किए गए है! जिसमें पुलिस को मिली शिकायत के आधार पर 170 (एफआईआर) तथा पुलिस ने संज्ञान लेते हुए 7 एनसी दर्ज किए हैं!’ ‘लॉकडाउन’ के बीच गिरफ्तारी पर उन्होंने बताया, कि ‘कुल 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही 108 लोगों की पहचान हो चुकी है, सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तारी और लगातार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के बारे में साईबर सेल द्वारा सूचित किया जा रहा है!’ आगे उन्होंने बताया, कि ‘कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर भादवी. की धारा 107 के तहत कार्रवाई की गई है!’
इंटरनेट का हो रहा है ज्यादा इस्तेमाल, लोगों को मिला सहारा..
देशभर में ‘लॉकडाउन’ के दौरान अधिकतर कर्मचारी छुट्टी पर हैं! सुरक्षा के लिहाज से कर्मचारी घर पर रहकर इंटरनेट के जरिए अपने ऑफिस का काम कर रहे हैं! वहीं दूसरी ओर लोगों ने इंटरनेट पर अपनी निर्भरता को बढ़ा लिए हैं! लोग किसी भी प्रकार का अपना बिल भुगतान करने, मनी ट्रासंफर करने यहां तक की डॉक्टरों से कसंल्ट करने के लिए इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं! इसी बीच झूठी खबरों और अफवाहों वाली पोस्ट, लोगों की परेशानी बढ़ा रही है! बालसिंग राजपूत ने बताया, कि ‘पिछले सात दिनों में अभद्र भाषा के मामलों में वृद्धि हुई है, कुल दर्ज मामलों में, सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ 88 मामले दर्ज हुए हैं!’ आगे उन्होंने बताया, कि ‘व्हाट्स ऐप, फेसबुक, टिक्टॉक और इंस्ट्राग्राम, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया प्लैटफार्म का ज्यादा तर अपराधियों की ओर से एक मकसद के तहत दुरुपयोग किया जा रहा है! जिसके लिए महाराष्ट्र साईबर सेल के जरिए सोशल मीडिया के सभी संबंधित प्लेटफार्मों को ‘टेक डाउन’ नोटिस जारी किया गया है!’ उन्होंने यह भी बताया, कि नोटिस दिए जाने के बाद सोशल मीडिया से अबतक 32 आपत्तिजनक पोस्ट को हटाए जा चुके हैं! ऐसे ही कुल 85 मामले व्हाट्सएप के प्लैटफार्म पर इस्तेमाल किए गए हैं!’ आगे उन्होंने बताया, कि ‘व्हाट्सएप की टेक्नॉलेजी कुछ अलग होने के कारण पोस्ट को हमेशा के लिए हटाया जा सकता है! व्हाट्सएप को भी नोटिस जारी करने के बाद पोस्ट को हटाए जा चुके हैं! ऐसे और 55 मामलों के पोस्ट को हटाने के लिए कंपनी के जरिए प्रक्रिया भी जारी है!
आप को बता दें, कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, यूट्यूब, टिकटाक जैसे अन्य सोशल मीडिया पर अपराध को लेकर महाराष्ट्र साईबर सेल के नोटिस जारी किए जाने के बाद, राज्य के गृहमंत्री कार्यालय से भी कल सोशल मीडिया के मामलों पर एक प्रेस जारी किया गया है! जिसमें लोगों को चेतावनी देते हुए बताया, गया है कि ‘साईबर क्राईम की वृद्धि को देखते हुए और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं!’
साईबर सेल ने लिया जन-जागृति का सहारा..
साईबर क्राईम पर लगातार हो रहे वृद्धि को लेकर और अधिक जानकारी देते हुए महाराष्ट्र साईबर सेल के पुलिस अधीक्षक बालसिंग राजपूत ने बताया, कि ‘साइबर पुलिस प्रत्येक जिले के सोशल मीडिया हैंडल करने वाले अधिकारियों के माध्यम से फर्जी समाचार, अफवाहों और संवेदनशील पोस्ट तथा अभद्र भाषा के बारे में लोगों तक पहुंचने के लिए जनजागरूकता के प्रयास कर रही है!’ उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, कि ‘ साइबर अपराधियों तथा फर्जी खबरों को फैलाने और बनावटी पोस्ट तैयार करने और विडियो के जरिए भड़काऊ भाषण देने वाले अपराधियों के खिलाफ आम नागरिकों को पुलिस की मदद करनी चाहिए!’
साईबर क्राईम से बचने के लिए लोगों को दी हिदायत..
बालसिंग राजपूत ने कहा, कि ‘सोशल मीडिया के माध्यम से साइबर पुलिस के नागरिकों से निवेदन किया जा रहा है कि वे नफरत फैलाने वाले भाषण और फर्जी खबरों को रोकने के लिए इन पांच बातों का पालन करें:- 1) फर्जी समाचार/अफवाहों को आगे न बढ़ाएं- अफवाहों की श्रृंखला को तोड़ें! 2) अफवाहों भरे पोस्ट के रचनाकारों और तेजी से वायरल करने वाले अपराधियों को अपने निकटतम पुलिस स्टेशन पर हाजिर कराऐं या पुलिस को इसकी सूचना दें! 3) किसी भी समाचार या जानकारी को फौरवर्ड करने से पहले उसकी हकिकत जांच लें! 4) हमेशा किसी भी पोस्ट को फौरवर्ड से पहले संबंधित विभागीय स्रोतों से जांच कर लें भरोसा होने पर ही अगला कदम उठाऐं! 5) फर्जी समाचार या अफवाहों पर खुद कार्रवाई करने की कोशिश न करें! पहले संबंधित विभागीय स्रोतों से पता करने के बाद दी सूचित करें!
आगे उन्होंने कहा, कि ‘सोशल मीडिया द्वारा एैसे फेक समाचार, वीडियो और पोस्ट को कम करने के लिए फिल्टर किया जा रहा है! साथ ही अनजाने में फौरवर्ड करने वाले बिचौलियों को भी साईबर क्राईम नोटिस कर रहा है!’
आप को और ज्यादा जानकारी देते हुए बता दें, कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया साइट्स पर ‘कोरोना’ वायरस को लेकर गलत और असत्यापित खबरें फैलाने के कई मामले सामने आए हैं! इस तरह के पोस्ट आम जनता में तनाव और भय उत्पन्न कर सकते हैं, जिसे देखते हुए, साइबर पुलिस कड़ा रुख अपना रही है, लोगों पर मामले दर्ज कर मुकदमा चलाए जा रहे हैं! पुलिस ने सभी सामाचार चैनलों, समाचार पत्रों और वेब पोर्टल से कोरोना वायरस से संबंधित खबरें प्रसारित-प्रकाशित करने से पहले उसकी पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से करने की अपील की है! साथ ही साईबर क्राईम की ओर से बताया जा रहा, कि लोग फर्जी खबर फैलाने वालों के खिलाफ स्थानीय पुलिस थानों या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं!
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.