- कैबिनेट मंत्री ने रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया..
- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से की अपील..
- मजदूरों के इक्ठा होने की खास वजह..
- भीड़ की ज़मिनी हकिकत..
- समाजसेवक विनय दुबे और पत्रकार की हुई गिरफ्तारी..
संवाददाता- (इस्माइल शेख)
मुंबई- मंगलवार बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास लॉकडाउन के बीच कानून का उलंघन कर भीड़ इकट्ठा करने वालों सभी मजदूरों के खिलाफ स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है! साथ एक सामाजिक संस्था के विनय दुबे नामक व्यक्ति को भी नवी मुंबई के एरोली से गिरफ्तार किया गया है! पुलिस को जांच में पता चला कि यह सारे मजदूर एक टीवी चैनल पर प्रसारित खबर को देखने के बाद अपने शहरों पर रवाना होने के लिए यहां इकट्ठा हुए थे! ऐसे में पडताल की गई तो वहां भी एक रहस्यमय खबर सामने आई है, जिसमें दावा किया गया, कि रेलवे ने एक पत्र जारी किया है जिसमें मजदूरों को उनके राज्य तक पहुंचने के लिए विशेष ट्रैन चलाए जाने की बात कही गई है! जो बाद में झूठी साबित हुई! टीवी चैनल पर खबर चलाने वाले पत्रकार को भी जिम्मेदार मानते हुए गिरफ़्तार किया गया है!
कैबिनेट मंत्री ने रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया..
महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण ने मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों की भीड़ एकत्र होने की घटना को लेकर बुधवार को कहा, कि ‘रेल विभाग के एक पत्र के कारण असंमजस की स्थिति पैदा हुई और इस मामले की जांच के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी! हालांकि, उन्होंने पत्र दिखाते हुए यह भी कहा कि वह रेल मंत्री या मंत्रालय को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन इसमें लापरवाही जरूर दिख रही है!’ उन्होंने बताया, कि ’13 अप्रैल को दक्षिण मध्य रेलवे के एक अधिकारी के हस्ताक्षर से पत्र जारी किया गया कि 14 अप्रैल से प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन चलेगी! यह रेलवे की लापरवाही का ज्वलंत उदाहरण है!’ उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अफवाहें फैलाये जाने का जिक्र किया और कहा, कि ‘सामाजिक सौहार्द खराब करने और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को बाधित करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी!’ उनके मुताबिक राज्य सरकार की भूमिका स्पष्ट है! इस मामले की विस्तृत जांच और कार्रवाई होगी! महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि स्टेशन पर जो भीड़ जमा हुई थी उसमें किसी एक समुदाय के लोग नहीं, बल्कि सभी समुदाय के लोग शामिल थे!
क्या है मामला..
मंगलवार की शाम अचानक बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच गए! इनकी मांग थी कि इन्हें अपने-अपने गांव और घर जाना है! मजदूरों की भीड़ को नियंत्रित करने और हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा! इस मामले में एक हजार लोगों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 51 और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है!
मुख्यमंत्री की अपील..
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मजदूरों से अपील करते हुए कहा, कि ‘लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं होता है! जैसे ही पाबंदियां हटेगी सभी को घर भेजने का इंतजाम किया जाएगा!’
मजदूरों के इक्ठा होने की खास वजह..
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख का कहना है, कि ‘दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को लगा कि 14 अप्रैल लॉकडाउन खत्म होने के बाद ट्रेनें शुरू होंगी और वे अपने गांव जा सकेंगे! बहुत संभव है कि इस प्रकार की अफवाह भी मजूदरों के बीच जानबूझ कर फैलाई हो! इस प्रकार की अफवाह फैलाकर मुंबई का माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा!’ मुंबई पुलिस के प्रवक्ता प्रणय अशोक ने बताया कि ‘बांद्रा रेलवे परिसर के पास मंगलवार शाम को करीब 1500 मजदूर जमा हुए थे, सभी गांव जाना चाहते थे!’ उन्होंने यह भी बताया, कि ‘लॉकडाउन बढ़ने की वजह से मजदूरों के मन में असंतोष हो गया! मजदूरों को समझाया गया लेकिन जब वह उग्र हुए तो हल्का बल इस्तेमाल कर उन्हें वहां से हटा दिया गया! वहां भारी पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है और वहां की स्थिति शांतिपूर्ण है!’
भीड़ की ज़मिनी हकिकत..
मुंबई में लाखों की संख्या में बाहरी राज्यों और शहरों से आए मजदूर लॉकडाउन के चलते फंसे हुए हैं! इनमें अधिकांश दिहाड़ी मजदूर, ऑटो रिक्शा-टैक्सी चालक, सड़क किनारे ठेला लगाने वाले और किसी छोटी फैक्टरी या दुकान में काम करने वाले हैं! लॉकडाउन के पहले चरण में इन लोगों ने यहां वहां से राशन का जुगाड़ कर पेट भर लिया! परंतु अब इन्हें अनाज व भोजन की सहायता मिलना धीरे-धीरे कम हो रही है! कुछ लोगों तक मदद पहुंच भी नहीं रही है! लिहाजा कम पढ़े लिखे इन मजदूरों पर अब अपने गांव जाने का जनून सवार हो गया है! जो मजदूर बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास कर्फ्यू तोड़कर जमा हुए थे! वे ऐसे स्लम या छोटे कमरे में दिन गुज़रते हैं! जहां 100 वर्ग फीट से भी कम की जगह में 5 से अधिक लोग रहते हैं! ऐसे में ये लोग सोशल डिस्टेंस नहीं रख पा रहे हैं! चूंकि मुंबई के अधिकांश स्लम में इस वक्त ‘कोरोना’ वायरस की महामारी फैल रही है! लिहाजा जब इन मजदूरों तक ट्रेन शुरू होने की अफवाह पहुंची, तो वे बिना सच जाने छोटे-छोटे समूह में बांद्रा स्टेशन आ गए! पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बड़ी साजिश भी हो सकती है!
समाजसेवक विनय दुबे और पत्रकार गिरफ्तारी..
बांद्रा की भीड़ के पीछे एनजीओ संचाकल विनय दुबे को भी जिम्मेदार बताते हुए गिरफ्तार किया गया है! विनय ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर कर 14 अप्रैल से बसों और ट्रेनों को शुरू करने की बात कही थी! अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने भी एक मराठी टीवी चैनल की उस खबर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें दावा किया गया था कि 14 अप्रैल से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा! इस समाचार को सामने लाने वाले पत्रकार को भी हिरासत में ले लिए गया है!
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