सुरेंद्र राजभर की रिपोर्ट
मुंबई – पुलिस जो जनरक्षक कही जाती है! जब उनमे ही ताल-मेल न हो तो फिर रक्षा कौन करेगा ?
महाराष्ट्र राज्य में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नही मिला! भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा! भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पेंच अड़ा दिया! दोनों दलों में क्या समझौता हुआ था, चुनाव पूर्व रहस्य बना रहा! दोनों दलों के चुनाव घोषणा पत्र अलग-अलग रहे! गठबंधन के दलों में कुछ विषयों या मुद्दों पर सहमती बनती है जिसे संयुक्त घोषणा पत्र में प्रकाशित किया जाता है! सबसे बड़े दल भाजपा को ही सरकार बनाने का बुलावा राष्ट्रपति या राज्यपाल देते रहें हैं! इसी परंपरा का पालन महाराष्ट्र के राज्यपाल ने करतेे हुए भाजपा को आमंत्रित किया! इसी बीच शिवसेना प्रमुख ने 50-50 के फार्मूले की शर्त रख दी जबकि इसके पूर्व भी दोनों संयुक्त रुप से चुनाव लड़ते रहे हैं! जिस दल को अधिक सीटें मिली थी उसी का सीएम बना रहा!
शिवसेना की इस मांग को भाजपा ने गलत करार दिया! तब राज्यपाल ने शिवसेना को आमंत्रित किया! 24 घंटे में बहुमत प्रमाणित करना था जो नही कर सकी! फिर तीसरे बड़े दल रांकपा को बुलाया!
भीतर ही भीतर खिंचड़ी पकती रही! बताया गया कि ढ़ाई साल शिवसेना और ढ़ाई साल रांकपा का सीएम होगा! कांग्रेस का डिप्टी सीएम 5 साल के लिए होगा!
लेकिन रांकपा द्वारा भी बहुमत का प्रमाण नही दिया गया तो राज्यपाल के सामने राष्ट्रपति शासन का विकल्प था! उनकी सिफारिश पर केंद्र ने मुहर लगा दी! जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया! अतः राष्ट्रपति शासन लागू हो गया!
लेकिन राष्ट्रपति शासन लागू होने पर शायद महाराष्ट्र पुलिस बे-लगाम हो गयी! जिसमे अन्य राज्यों की बिमारी छूत की तरह लग गई! एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा! देखते ही देखते पूरे देश ने विडियो देखा जो महाराष्ट्र पुलिस कि ईमानदारी पर कलंक लगा गया! विडियो मे पुलिस वैन खड़ी है! इतने में दो सिपाही जुतम पैजार करने लगे! कुछ पुलिस वाले भी विडियो मे तमाशाई बने दिखे!
सादी वर्दी में पुलिस हो या जनता ने हिम्मत कर जुता मारने वाले सिपाही को रोक दिया! कुछ लोग दूसरे सिपाही को पीछे करने लगे! मजेदार बात यह है कि जुतम पैजार खुली सड़क पर होते जनता भी देख रही थी!
अब सोचिए तो जनता के सामने ही जब दो पुलिस कर्मी जुतम पैजार करने लगे हो तो फिर महाराष्ट्र पुलिस के इस्तकबाल का क्या होगा! जुतम पैजार का कारण समझ में नहीं आया! शायद जुतम पैजार होते देख विडियो बनाया गया हो और सोशल मिडिया पर ड़ाल दिया गया हो! यदी पहले से ही विवाद शुरु होने पर विडियो बनाया गया होता तो कारण ज्ञात होता मगर जुतम पैजार होते सारे देश ने देखा! लोग कयास लगाने लगे कि कहीं घूस में मिले पैसे से बटवारे का मामला तो नही था!
जिस महाराष्ट्र पुलिस को ब्रिटिश पुलिस के बाद गिना जाता था आज वर्दीधारी पुलिस वालों ने उसे कलंकित कर बता दिया कि अब महाराष्ट्र पुलिसकर्मीयों में वह बात नही रही! बेहद शर्मनाक वाक्या है यह!
आला पुलिस अधिकारीयों को चाहिए कि तुरंत प्रभाव से दोनों पुलिसकर्मीयों को मुअत्तल कर देना चाहिए और उनपर पुलिस की मर्यादा तोड़ने का केस भी चलाना चाहिए!
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