सुभाष कोटियन
मुंबई- बृहन्मुंबई महानगरपालिका और महाराष्ट्र की आघाड़ी सरकार को चाहिए कि भ्रष्टाचार द्वारा करोड़ों का चूना लगाने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका अभियंताओं को पुरस्कृत करने का कानून बना देना चाहिए! जब भ्रष्टाचार में लिप्त बृहन्मुंबई महानगरपालिका अभियंताओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो भ्रष्टतम अभियंता को पुरस्कृत करना ही सही होगा!
बताते चलें कि पी/उत्तर वार्ड में 13/04/2016 से 12/02/ 2018 के बीच मेमर्स कमला कंस्ट्रक्शन और मेमर्स जेपी इंटरप्राइजेज के द्वारा वार्ड में 10 से 20 करोड रुपए के डामरीकरण का कार्य कराया गया था परंतु एक भी रास्ते का डामरीकरण समयावधि में पूरा नहीं किया गया जो पूरी तरह बृहन्मुंबई महानगर पालिका कानूनों का उल्लंघन है! बृहन्मुंबई महानगरपालिका को सजिश कर करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है! जानबूझकर कोई कार्य समयावधि और बृहन्मुंबई महानगरपालिका नियमों के अनुरूप नहीं कर खोटे बिल बनाकर पैसे ले लिए गए!
यही नहीं काम कम करके अधिक कार्य दिखाकर बृहन्मुंबई महानगरपालिका को धोखा दिया गया है! चूना लगाने में ठेकेदार और वार्ड के भ्रष्ट अभियंताओं की मिलीभगत रही! पी/उत्तर के वार्ड क्रमांक 36 और वार्ड क्रमांक 37 में तानाजी रोड कुरार विलेज मलाड पूर्व में डामरीकरण का कार्य 05/06/2018 तक चालू रहा!
जिसके विरुद्ध दिनांक 15/06/2018 बृहन्मुबई महानगर पालिका (मनपा) कंट्रोल क्रमांक 1916 पर शिकायत संख्या 0722233699 समय 11 बजे दर्ज कराई गई! शिकायत पर ध्यान देकर कोई भी कार्रवाई अाज तक का नहीं होना दु:खद है! शिकायत में दोनों ठेकेदारों को काली सूची में डालने और बृहन्मुंबई महानगरपालिका अभियंताओं द्वारा साजिश कर करोड़ों का चूना लगाकर पद का दुरुपयोग करने को नाजायज फर्जी बिल पास कर पेमेंट दिलाने के विरुद्ध जांच कर बृहन्मुंबई महानगर पालिका कानून 1888 के अनुसार कलम 83 के उपकलम 1 और 3 के अनुसार 10 वर्ष तक निलंबित अथवा निष्कासित करने की मांग की गई!
भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई ना होना बताता है कि नीचे के भ्रष्टाचार में ऊंचे पद वालों का भी हिस्सा लगता है! यदि शासन और प्रशासन में उच्च पदों पर बैठे लोग इमानदार है तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई जरूर करें!
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.