ऑनलाइन गेम जैसे पोकर, रम्मी आजकल युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया है! आज के युवा इस ऑनलाइन गेमिंग के इतने ज्यादा आदी हो गये हैं कि लोग बर्बाद हो रहे हैं! कई युवा ऑनलाइन गेम पर अपना जीवन खराब कर रहे हैं! इसलिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता ऐसे वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने के लिए जून के महीने में मुंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं!
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जानकारों के मुताबिक इस नए उद्योग की वर्तमान स्थिति लगभग 150 मिलियन डॉलर हो गई है और यह कारोबार हर साल बढ़ रहा है! भारत में Online Gaming एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है, लोगों के बीच जुआ सबसे लोकप्रिय और आकर्षक व्यवसायों में देखा जा रहा है!
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Online Games 75 प्रतिशत युवाओं को आकर्षित कर रहा है! आप को बता दें, कि कोविड-19 के तहत लॉकडाउन के बीच ज्यादातर युवा ऑनलाइन जुआ व्यवसाय की ओर रुख कर रहे हैं! युवाओं को लॉटरी, रेसिंग, बैटिंग, कैसिनो, रम्मी और पोकर जैसे विभिन्न ऑनलाइन गेम्स की लत लग रही है! कई भारतीय कंपनियां जैसे तीन पत्ती, अल्टीमेट तीन पत्ती ने दुनिया में टॉप-10 रैंक पर कब्जा बना लिया है!
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कई ऑनलाइन गेमिंग साइट इस ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक वार्षिक खेल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है, जहां प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 18 वर्ष वैद्य एवं अनिवार्य बताया जाता है! लेकिन यहां प्रतियोगिताओं की उम्र जांचने के लिए कोई व्यवस्था ही नही है! इसमें पता नहीं चलता कि प्रतियोगिता 18 साल से उपर है या उससे कम! कई लोग इसकी रजिस्ट्रेशन के लिए फेक आईडी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं! लेकिन यहां इस तरह की फेक आईडी बनाकर इस्तेमाल पर, कोई सरकारी यंत्रणा द्वारा ट्रैक नही किया जाता!
सरकार के पास ऑनलाइन गेमिंग पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं है! अंकुर देवानी जो पोकर्स इंडिया ऑनलाइन गेमिंग साइट चला रहा है, जिसके खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 364(अ), 511 के तहत मामला दर्ज है! उसने जुहू इलाके में एक टैक्सी ड्राइवर और पुलिस कांस्टेबल के साथ मारपीट की थी और अपहरण का एक अन्य मामला भी उसके खिलाफ दर्ज है! इस बीच ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइटों के नियमों और शर्तों के मुताबिक, विशेष क्षेत्र के उपयोगकर्ताओं के अलावा किसी और को एक्सेस या खेलने की अनुमति नहीं है! फिर भी वेबसाइट किसी भी उपयोगकर्ता को प्रतिबंधित नहीं करती!
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अब इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता एवं एडवोकेट बालकृष्ण सभी ऑनलाइन गेम्स वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुंबई हाईकोर्ट में पीआईएल फाईल दायर करने जा रहे हैं! बालकृष्ण ने कहा, कि लैडब्रोक्स जैसी कई वेबसाइटें हैं, जिन पर आप क्रिकेट, फुटबॉल पर सट्टा लगाकर आदी बनाते हुए, लोगों को लत लगा सकते हैं! हजारों बेनामी ग्राहकों की ओर से कई भारतीय सट्टेबाज इन साइटों पर दांव लगा रहे हैं और भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इस पर पुलिस का कोई कंट्रोल नहीं है!
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