इस्माइल शेख
मुंबई- क्राईम ब्रांच युनिट 11 के अधिकारियों ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है! जो मृत बिल्डर के विभिन्न बैंक खातों से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफ़र कर रहे थे! रंगेहाथ पकड़े गए इस गिरोह के पास से मृत बिल्डर के चेक बुक, पास बुक, ड्युबलिकेट आधार कार्ड, बिल्डर के मोबाइल नंबर का ड्यूबविकेट सीमकार्ड ऐसे काफी सारे क्राईम में इस्तेमाल होने वाली चीजें बरामाद हुई है! ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते पकड़े भी गए हैं!
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मामले की हकिकत ऐसी है, कि ‘हाल ही में कोरोना के चलते 81 वर्षीय बिल्डर की संक्रमण से मौत हो गई! उसी के एक कर्मचारी ने बिल्डर के दफ्तर से बैंक चेक बुक, कैश पैसे और भी काफी जरुरी दस्तावेजों को चूरा लिया और अपने साथियों की मदद से मोबाइल नंबर की हेराफेरी कर आधार कार्ड पेनकार्ड जैसे नकली दस्तावेज और मोबाइल नंबर भी हासिल कर लिया ये गिरोह लगातार बिल्डर के विभिन्न बैंक खातों से ऑनलाइन खरीदी और बैंक अकाउंट ट्रांसफ़र कर रहे थे! इसकी भनक मुंबई क्राईम ब्रांच के यूनिट 11 को लग गई!
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यूनिट 11 के प्रभारी पुलिस निरीक्षक चिमाजी अढाव को विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा कर मामले की तहकीकात करने उन्होंने टीम भेजा! जहां दहिसर के एक झोपड़पट्टी में गिरोह के चार सदस्य लैपटॉप, मोबाइल फोन, मृत बिल्डर के बैंक खातों डिटेल वाले कागजात और आधार कार्ड पुलिस को बरामद हुए! मोबाइल फोन उनके पास से हस्तगत कर पड़ताल की तो ऑनलाइन बिल्डर के खाते से ट्रांजेक्शन किए जाने की पृष्ठी हो गई! ये गिरोह मोबाइल के विभिन्न ऐप के जरिए सभी ट्रांजेक्शन कर रहे थे!
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मामले के मुताबिक मृत बिल्डर का अरलैब्स प्र. ली. तथा प्रभाव प्रॉपर्टीज ली. नामक कंपनी है! 20 जुन को उक्त बिल्डर की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हो गई! मिरा रोड का शफीक मेहबूब शेख (35) उक्त बिल्डर के यहां का काम करता था! बिल्डर की मौत के बाद इस ने मौका पाकर बैंक खातों से जुड़े कागजात, चेक बुक सहित नगदी निकालने में कामयाब हो गया! इस प्रकरण की शिकायत जहू पुलिस स्टेशन में कंपनी के मैनेजर द्वारा 25 जुलाई को की गई है! इस के बाद शफ़ीक मिरा रोड में ही रहने वाले अपने तीन दोस्तों को साथ बिल्डर के बैंक खातों से ऑनलाईन ट्रांजेक्शन कर करोड़ों रुपए दुसरे खातों में डालने की योजना बनाई!
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इसके लिए इन लोगों ने दहिसर पुर्व की एक झोपड़पट्टी में किराये पर झोपड़ा भी लिया जहां चोरों मिलकर लगातार थोड़े-थोड़े पैसे का ट्रांजेक्शन कर रहे थे! पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बिल्डर का बेटा अमेरिका के वॉशिंगटन युनिवर्सिटी में प्रोफेसर है! बिल्डर की पत्नी की तबीयत खराब होने के कारण मैनेजर पुरा कामकाज संभालता है! उनके अनुसार प्रितेश उर्फ पिंटू बिपीनचंद्र मांडलिया (39), स्वपनिल विनोद ओगलेकर (33) ने बिल्डर के नाम से अपना फोटो लगा आधरकार्ड बनाया! उसके बाद बैंक खातों में बिल्डर का जो मोबाईल नंबर दर्ज था वही नंबर का सीमकार्ड मोबाईल कंपनी से प्राप्त कर लिया!
चौथा आरोपी अर्शद रफिक सैयद पहले मुंबई के विभिन्न बैंकों में नौकरी कर चुका है! फिलहाल वह विदेश में किसी बैंक में काम कर रहा है! कोरोना के कारण इन दिनों वह मिरा रोड अपने घर आया था! बैंक कर्मचारी होने के नाते उसे ऑनलाईन ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी है! प्रभारी पुलिस निरीक्षक ने बताया कि यह चरों पुराने दोस्त है इसलिए अर्शद को भी इन लोगों ने अपने गिरोह में शामिल कर लिया! उसके लैपटॉप में जो आईपी ऐड्रेस है वह विदेश का है और उसमें विभिन्न सॉफ्टवेयर के जरिए अपने आईपी एड्रेस को दूसरे लोकेशन में बताए जाने के लिए इस्तेमाल किया गया था! ऐसे में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के बाद आईपी एड्रेस विदेश का पता चलता! बहरहाल बिल्डर के खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तैयारी में जुटे चारों आरोपियों को क्राईम ब्रांच की टीम गिरफ्तार करने में सफल रही!
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