महाराष्ट्र बंद: बस पर पथराव, तीन हजार से ज्यादा पुलिस हिरासत में, एक घायल

संवाददाता- (इस्माइल शेख)
मुंबई –
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और  केंद्र सरकार की ‘गलत’ आर्थिक नीतियों के खिलाफ महाराष्ट्र में प्रकाश अम्बेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) पार्टी की ओर से भारत बंद में भाग लेने के लिए शुक्रवार को राज्य भर में 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया ! बंद के दौरान एक बेस्ट के बस पर पथराव किया गया, जिससे बस का चालक घायल हो गया!

अधिकारियों ने कहा कि चेंबूर में बस पर पथराव किया गया, जिसमें 53 वर्षिय बस चालक विलास बी. दाभाडे घायल हो गए है! हालांकि पथराव में यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है! बस चालक को गोवंडी के शताब्दी अस्पताल में भर्ती कराया गया है! वीबीए के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने अपने समर्थकों से सीएए, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध करने के लिए एक शांतिपूर्ण और अहिंसक बंद सुनिश्चित करने का आग्रह किया था!

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वीबीए के राज्य प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने मिडिया को बताया कि 100 से अधिक संगठनों के समर्थन के साथ बंद सफल रहा! पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे में प्रदर्शनकारियों ने दत्तवाड़ी इलाके और कोथरू में कुछ वाहनों पर पथराव किया है! चेंबूर के पास मुंबई में राज्य परिवहन के बाएसटी बसों पर पथराव tके अलावा अब तक कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आयी है! मोकले ने बताया कि लोगों और यातायात को प्रभावित किए बिना दिन के दौरान कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शन किए गए!

मालाड़ से बहुजन वंचित अघाड़ी के सोहेल रिज़्वि उर्फ बबलू बाटा ने बताया कि मालवनी में लोगों ने शांतिपूर्वक बंद का समर्थन कर अपने काम काज बंद रखे! आप को बता दें, कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ यहां से कई प्रदर्शन देखने को मिले हैं! पिछली बार यहां केन्द्र सरकार की नीतियों पर विरोध दर्ज करने के लिए जन सैलाब निकल पड़ा था! ऐसे मे प्रकाश आंबेड़कर द्वारा सूर फुंकें जाने पर उनके समर्थन में लोगों ने काम-काज बंद रखा!

उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए को केंद्र जबरन लागू करने की कोशिस कर रही है, जबकि इसे लेकर देश में अशांति का माहौल बना हुआ है! उन्होंने कहा कि देश आर्थिक दिवालियापन की राह पर है! नोटबंदी और जीएसटी के साथ देश में अविश्वास के माहौल के कारण सरकार को राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है! केंद्र की आर्थिक नीतियां गलत हैं और सरकार केवल लोगों को परेशान करते हुए असल मामलों से ध्यान हटाने की कोशिस कर रही है!


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