नितिन तोरस्कर
मुंबई- मंगलवार 4 अगस्त मंत्रालय की एक बैठक में संबोधित करते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया, कि ‘पुणे-नाशिक सेमी हाई स्पीड डबल लाइन रेलवे परियोजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो यात्री सेवाओं के साथ कृषि उत्पादों और माल ढुलाई को प्रोत्साहन देगी।’ उन्होंने कहा, कि ‘पुणे-नाशिक शहरों के साथ-साथ पुणे-अहमदनगर और नासिक जिलों के विकास को भी गति मिलेगी। उन्होंने बड़े विश्वास के साथ बताया, कि “कोरोना’ के संकट के बावजूद, हम इस परियोजना को रिकॉर्ड समय में जनप्रतिनिधियों के भरोसे और उनके सहयोग से पूरा करेंगे!” उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज कहा कि इस परियोजना के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।
महाराष्ट्र रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से ‘पुणे-नासिक सेमी हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट’ और ‘महारेल’ की प्रस्तुति मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री के हॉल में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में की गई। इस मौके पर बैठक में राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, श्रम मंत्री दिलीप वाळसे-पाटिल, परिवहन मंत्री अनिल परब, परिवहन राज्य मंत्री सतेज पाटिल, सांसद डॉ. अमोल कोल्हे, सांसद हेमंत गोडसे, विधायक दिलीप मोहिते-पाटिल, विधायक अशोक पवार, विधायक चेतन तुपे, विधायक सदाशिव लोखंडे, विधायक डॉ. किरण लोहमटे, विधायक सरोज अाहिरे और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ ‘महालेर’ के महाप्रबंधक, वित्त, योजना और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से या ‘वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग’ के माध्यम से उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, “पुणे और नासिक औद्योगिक और कृषि विकास में अग्रणी दो शहर हैं। पुणे-नाशिक सेमी हाई स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट इन दो स्मार्ट शहरों को जोड़ने के लिए उपयोगी होगा। यह परियोजना तीन जिलों पुणे, अहमदनगर और नासिक में पर्यटन, शिक्षा, कृषि, व्यापार और उद्योग के विकास को गति प्रदान करेगी। इसी के साथ ही, रेलवे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इस परियोजना को बहुत कम लागत पर पूरा किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप पुणे-नाशिक यात्रा समय में भारी बचत होगी। साथ ही महज पौने दो घंटे में पुणे और नाशिक की दूरी तय की जाएगी।” आप को बता दें की वहीं, प्रभावित किसानों को मौजूदा भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा दिया जाने वाला है।
उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने और अधिक जानकारी देते हुए बताया, कि “व्यापार के लिए स्टॉल प्रदान करते समय इस मार्ग पर रेलवे स्टेशन परियोजना से प्रभावित लोगों के साथ स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस परियोजना से पुणे, अहमदनगर और नासिक जिलों के किसानों को उनकी कृषि उपज के परिवहन के लिए बहुत बड़ा लाभ होगा।” उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, कि “इस परियोजना में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से काम किया जाएगा और चीनी उत्पादों या सेवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।”
इस मौके पर प्रोजेक्ट का काम ‘महारेल’ की ओर से प्रस्तुत किया गया था। बैठक के दौरान राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, श्रम मंत्री दिलीप वाळसे-पाटिल, परिवहन मंत्री अनिल परब, परिवहन राज्य मंत्री सतेज पाटिल, सांसद डॉ. अमोल कोल्हे, विधायक चेतन तुपे, विधायक दिलीप मोहिते-पाटिल, विधायक सदाशिव लोखंडे, विधायक डॉ. किरण लोहमटे, विधायक सरोज अाहिरे ने विभिन्न सुझाव दिए।
परियोजना की विशेषताएं…
- 235 किमी लंबी रेलवे लाइन।
- मार्ग रेलवे पुणे, अहमदनगर और नासिक जिलों से होकर गुजरेगा।
- ट्रेन की गति 200 किमी प्रति घंटा है, तो गति 250 किमी प्रति घंटा है। तक बढाई़ जाएगी।
- पुणे-नाशिक की दूरी केवल पौने दो घंटे में काटी जाएगी।
- पर्यावरण के अनुकूल परियोजना, जो समय के साथ ईंधन की भी बचत करेगी।
- पुणे-नासिक के बीच 24 स्टेशनों की है परियोजना।
- 18 सुरंग, 41 फ्लाईओवर, 128 सबवे प्रस्तावित।
- पैसेंजर और मालगाड़ी चलेगी।
- रेलवे स्टेशन पर परियोजना पीड़ितों सहित व्यवसाय के लिए स्थानीय लोगों को मिलेगा प्रधान्य।
- प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के लिए बहुत बड़े अवसर होंगे।
- परियोजना की लागत में 60 प्रतिशत वित्तीय संस्थान, 20 प्रतिशत राज्य सरकार, 20 प्रतिशत रेलवे की रहेगी।
- परियोजना कम लागत पर पूरी होगी।
- विद्युतीकरण के साथ दोनों रेलवे लाइनों का निर्माण एक साथ किया जाएगा।
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