सुरेंद्र राजभर
महाराष्ट्र- पालघर जिले में बच्चों के गुम हो जाने, फ़िरौती करने की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं। आए दिन यहां ऐसी खबरें जनमानस को चिंतित करती रहती हैं। पुलिस अपने ही ढंग से कार्य करती रहती है। खबरें आती रहती हैं कि इन बच्चों का अपहरण कर के शल्य क्रिया द्वारा लिवर किडनी लंग्स जैसे मानव अंग निकालकर बेच दिया जाता है। कुछ को विदेशों में मनोरंजन के लिए तो कुछ को सेक्स वर्कर बनाने और कुछ को अंगभंग करके भीख मंगवाने के धंधे में लगा दिया जाता है।
महाराष्ट्र में खासकर ग्रामीण इलाकों की ऐसी खबरें शासन प्रशासन और जनता को विचलित करती रहती हैं। शासन और प्रशासन की चिंता इस बात में देखी जा सकती है कि पूरे महाराष्ट्र राज्य में ऐसे बच्चों की खोज के लिए 01 मार्च से 31 मार्च तक विशेष अभियान मुस्कान 8 मुस्तैदी से चलाया जाना शुरू हो गया है।
2 मार्च 2020 को पालघर के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने इसपर अपने कार्यालय में मीटिंग बुलाकर विचार विमर्श किया। जिसमें अपर पु अधीक्षक विक्रांत देशमुख, स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस उप निरीक्षक सुभाष बन, महिला पुलिस उपनिरीक्षक रेखा पाटिल, महिला सहायक कक्ष के कर्मचारी उपस्थिति रहे।
इस मीटिंग की सूचना पालघर के सभी 23 पुलिस थानों में भेज दी गई थी। इस मीटिंग में लिये गये फैसले के अनुसार, प्रत्येक थाने में बच्चों की खोज के लिए, एक-एक पथक तैयार किया जाएगा जिसमें 1 अधिकारी और 3 पुलिसकर्मियों को शामिल किया जाएगा। ये टीमें पूरे जिले में ऐसे बच्चों का पता लगाकर उन्हें मुक्त कराने का यशस्वी प्रयत्न करेंगे जो किसी कारण गुम हो गए या जिनका अपहरण कर लिया गया।
सारी क़वायद जिले के पुलिस अधीक्षक श्री गौरव सिंह के निर्देशन में की जाएगी। ऐसी जानकारी इंडियन फास्ट्रैक के संवाददाता को पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने दी है। हम आशा करते हैं कि पुलिस अपने इस अभियान में सफ़ल हो।
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