विशेष संवाददाता (डिजिटल डेस्क) Indian Fasttrack
मुंबई- देश भर के लिए भले ही बुधवार को दशहरे का पर्व है। लेकिन शिवसेना के दो गुटों के लिए यह शक्ति प्रदर्शन का मौका बना हुआ है। उद्धव ठाकरे गुट और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह की ओर से ज्यादा से ज्यादा शिवसैनिकों को अपने पाले में लाने की कोशिश हो रही है। इसपर सबसे बड़ा फैसले का मौका दशहरा रैली के रूप में देखा जा रहा है! यहां ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की कोशिश दोनों गुट कर रहे हैं। (Shivsena Dassehra Rally)
इस रैली के लिए तैयारियां इतनी जोरों पर हैं कि 10 हजार वाहनों में कार्यकर्ता मुंबई पहुंचने वाले हैं। इनमें 6 हजार सरकारी और निजी बसें भी शामिल हैं। इसके अलावा करीब 3 हजार कारों से भी लोग रैलियों में पहुंचेंगे। पिछले आठ दिनों से, मुंबई पुलिस की विभिन्न एजेंसियां खुफिया इनपुट एकत्र कर रही हैं और दादर में शिवाजी पार्क और बीकेसी में एमएमआरडीए मैदान की सुरक्षा कर रही हैं, जहां शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को अपनी-अपनी दशहरा रैलियों की मेजबानी करेंगे। (Mumbai Eknath Shinde And Uddhav Thackeray)
हो रहा है करोड़ों का खर्च..
शिवसेना के करीब 60 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वह पार्टी के तौर पर विभाजित हो गई है और अलग-अलग गुटों ने दशहरा रैली का आयोजन किया है। इस बार भीड़ जुटाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार शिंदे गुट ने लोगों को सभा में लाने के लिए करीब 1800 सरकारी बसें बुक की हैं। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए 10 करोड़ रुपये नकद दिए गए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की टीम ने सोमवार शाम पांच बजे तक 1800 एसटी ट्रेनों का रिजर्वेशन कराया था। 3000 निजी कारों की पहले ही बुकिंग हो चुकी है। एकनाथ शिंदे गुट की रैली बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में हो रही है। इसमें एक से डेढ़ लाख लोगों की भीड़ होने की उम्मीद है।
कार्यकर्ताओं के रहने खाने का भी है इंतजाम..
शिंदे समूह के विधायक और मंत्री इस भीड़ को इकट्ठा करने के लिए पिछले 15 दिनों से जिलों और तालुकों में दौरा कर रहे हैं। शिंदे गुट की ओर से मुंबई आने वाले शिवसैनिकों के लिए रहने और खाने तक का इंतजाम किया जा रहा है। शिंदे गुट की ओर से बसों की बुकिंग पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावा उद्धव ठाकरे ग्रुप की ओर से भी 1400 प्राइवेट बसों की बुकिंग की गई है। मुंबई महानगर क्षेत्र में शिवसेना शाखा प्रमुखों, नगरसेवकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने खर्चे पर कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम स्थल पर लाएं। यहां कसारा, कर्जत, खोपोली, पालघर, विरार, दहानू रोड से मिनी बस, टेंपो ट्रैवलर, सात सीटर कारों जैसे वाहनों की संख्या भी हजारों में होगी।
10 करोड़ के लेनदेन पर सवाल, ED से जांच की मांग
एक जानकारी के अनुसार, दोनों सभाओं में कार्यकर्ताओं के कुल करीब दस हजार वाहनों में मुंबई में प्रवेश करने की संभावना है। खबरों के मुताबिक शिंदे समूह ने दशहरा मेले के लिए सरकारी बसों की बुकिंग के लिए 10 करोड़ रुपये नकद दिए गए हैं। इस पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह राशि शिवसेना पार्टी के खाते से दी गई है? यदि नहीं, तो यह राशि कहां से आई? कैसे हुआ 10 करोड़ का कैश ट्रांजैक्शन? कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने मांग की है, कि ईडी और आईटी इसकी जांच करें। (Mumbai Police)
कहां खड़ी होंगी 10 हजार से ज्यादा गाड़ियां ?
आप को बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की बसों का 24 घंटे के लिए न्यूनतम किराया 12 हजार रुपये है। 24 घंटे बाद निगम 56 रुपये प्रति किलोमीटर चार्ज करती है। कहा जा रहा है कि बांद्रा-कुर्ला परिसर के दो मैदानों में 1000-1000 वाहन और सोमैया मैदान में 700 से 900 वाहन पार्क करने की योजना है। दशहरे की छुट्टी होने के कारण, उस दिन मुंबई में कर्मचारियों के नियमित वाहनों की संख्या कम होगी। पार्किंग स्पेस खत्म होने के बाद आदेश दिया गया है कि शिवसैनिक अपने वाहन सर्विस रोड के किनारे ईस्ट-वेस्ट हाईवे पर इस तरह पार्क करें, जिससे अन्य यातायात बाधित न हो।
पुलिस बंदोबस्त की जानकारी..
मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, खुफिया अधिकारियों के साथ शहर के 93 पुलिस थानों, ईओडब्ल्यू, अपराध शाखा, बम निरोधक दस्ते, एसआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के 2,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को बंदोबस्त ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। दोनों गुटों के बीच कोई झड़प न हो इसके लिए सुरक्षा कड़ी की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि इस मौके पर राज्य भर से लगभग 4,000 बसें और 10,000 छोटे और बड़े वाहन शहर में प्रवेश करेंगे। ट्रैफिक पुलिस ने शिवाजी पार्क और बीकेसी से ट्रैफिक डायवर्जन को चाक-चौबंद कर दिया है, लेकिन अभी तक विवरण जारी नहीं किया है।
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