नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) ने संतोष परब (Santosh Parab) हमला मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले जिला अदालत और मुंबई हाई कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।
आप को बता दें, कि संतोष परब (Santosh Parab) पर हमले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) मुश्किल में हैं। हाईकोर्ट ने नितेश राणे की याचिका को बर्खास्त कर दिया है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी से पहले की जमानत खारिज कर दी है। फिर भी, पुलिस उन्हें जल्द गिरफ्तार नहीं कर सकती। उनकी गिरफ्तारी से सुरक्षा को 27 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने की इजाजत दी गई थी। अब उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। (High Court Denied Pre arrest Bail of Nitesh Rane )
मामले की अधिक जानकारी
मामले की अधिक जानकारी देते हुए आप को बता दें, कि जिला बैंक चुनावों (Bank Election) की पृष्ठभूमि में कंकावली में शिवसैनिक संतोष परब (Santosh Parab) पर हमला किया गया था। हमले के सिलसिले में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सचिन सातपुते (Sachin Saatpute) का विधायक नितेश राणे (MLA Nitesh Rane) से फोन पर संपर्क (Phone Conversation) था। इसलिए सरकारी अभियोजकों ने जिला अदालत से नितेश राणे को इस मामले में सह-आरोपी बनाने की मांग की थी।
इसके साथ ही, शिकायतकर्ता (Complainer) ने अपनी शिकायत में विधायक (MLA) नितेश राणे (Nitesh Rane) और गोट्या सावंत (Gotya Sawant) का भी नाम लिया था। मामले में नवनिर्वाचित जिला बैंक के अध्यक्ष मनीष दलवी (Manish Dalvi) और विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) के सचिव राकेश परब (Rakesh Parab) का भी नाम है। इन सभी ने अग्रिम जमानत के लिए जिला अदालत में अर्जी दाखिल की थी।
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