हॉटेल से खाद्यपदार्थ होम डिलीवरी, अंडा, मुर्गी, मांस, मछली को बिक्री के लिए मिली मंजूरी

सुरक्षा का ध्यान रखते हुए आम, अंगूर, संत्रा,केला, कलिंगड़ जैसे फल बेचा जा सकता है- उपमुख्यमंत्री अजित पवार

संवाददाता- (नितिन तोरस्कर)
मुंबई
– महाराष्ट्र की जनता लॉकडाऊन की स्थिति में परेशान हो रही है इसपर ध्यान देते हुए राज्यभर के हॉटेलों को उनके रसोई फिर से शुरू किए जाने और ग्राहकों के घरों अथवा सोसायटी तक होम डिलीवरी करने की महाराष्ट्र के मंत्रालय से शुक्रवार 27 मार्च को मंजूरी दे दी गई है! यह मंजूरी कुछ खास शर्तों के आधार पर दी गई है, शर्तों के मुताबिक खाद्यपदार्थ बनाने और पहुंचाने वाले व्यक्ति को स्वच्छता का खयाल रखते हुए ‘कोरोना वायरस’ से संबंधित बताये जा रहे निर्देशों का पालन करना होगा! ऐसी जानकारी आज शुक्रवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दी!

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खानपान की पूरी व्यवस्था..
महाराष्ट्र में अंडा, मुर्गी, मांस, खारे और मीठे पानी की मछलियाँ बेची जा सकती है, इसपर किसी भी तरह का कोई बंधन नही होगा, इससे नागरिकों को खरीदी में आसानी होगी! और राज्य में पैदावार होने वाले फल जैसे कोकण का आम, नासिक के अंगूर, नागपूर के संत्रे, केला, कलिंगड आदी सभी प्रकार के फल बजार में आम नागरिकों के लिए बेचे जा सकते है! सिर्फ खरीदी- बिक्री के दौरान लोगों को ‘कोरोना वायरस’ से संबंधित आवश्यक साफ सफाई और गर्दी तथा उससे होने वाले संक्रमण पर एहतियात बरतने का राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने निर्देश दिए हैं!

किसानों की कर्जमाफी..
राज्य के किसानों की कर्जमाफी पर सरकार अमल कर रही है, इसपर किसी भी तरह का रोक नही लगाया गया है, ऐसा खुलासा करते हुए, अजित पवार ने बताया, कि किसान यहां बायमेट्रीक के लिए तैयार नही हैं, साथ ही सरकारी यंत्रणा ‘कोरोना वायरस’ के प्रतिबंध के लिए फिलहाल व्यस्त हो गई है! इसपर लोगों को किसी भी तरह के शंका उत्पन्न करने की जरुरत नही है! उपमुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी देते हुए बताया, कि दूध, सब्जी और फलों के वाहनों को जरुरी इंधन जैसे पेट्रोल, डीजल के लिए किसी भी तरह का रोक नही है!

कारखानों के मजदूरों की खानपान व्यवस्था और सेना को मदद के लिखा पत्र..
शक्कर के कारखानों में इस्तेमाल के लिए गन्नों को लाने- लेजाने की अनुमति दे दी गई है, इन कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की खाने-पीने की व्यवस्था संबंधित कारखाने मालिकों को ही करनी होगी, ऐसी जानकारी देते हुए अजित पवार ने बताया, कि राज्य सरकार की ओर से लिखित पत्र में सेना मदद से केवल वैद्यकीय मदद के लिए पत्र लिखा गया था, इसके अलावा कोई उल्लेख नही किया गया है! ऐसा खुलासा करते हुए महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जानकारी दी!


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