सुरेंद्र राजभर
मुंबई– बृहन्मुंबई महानगर पालिका इस समय शायद सबसे बुरे दौर में चल रही है! नित नए मरीज़ों के संक्रमित और मृत्यु होने से शासन प्रशासन पर जवाबदेही बढ़ा दी है! यह समय कोरोना से लड़ने का है! प्रशासन बाज़ी का नहीं!
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म्युनिसिपल मजदूर यूनियन के एडवोकेट महाबल शेट्टी ने मनपा आयुक्त को पत्र भेजकर, ‘लॉकडाउन’ के तीसरे चरण, 3 मई के बाद से केंद्र और राज्य के लागू नियम का हवाला देते हुए बताया, कि ‘इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य की हुई है!’ एडवोकेट शेट्टी ने बताया, कि ‘मनपा प्रशासन द्वारा जारी दिनांक 30 अप्रैल 2020 परिपत्र, प्र.क.अ/05,2020 के मुताबिक कर्मचारियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है! जिसपर शेट्टी ने पत्र लिखकर मनपा को पुनर्विचार करने के लिए कहा है!
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शेट्टी के अनुसार बृहन्मुंबई महानगर पालिका में कार्यरत कर्मी अम्बरनाथ,बदलापुर,विरार,नालासोपारा ,पनवेल में रहते हैं! लोकल ट्रेन बन्द होने से कर्मचारियों को एसटी की बसें बदलते हुए ड्यूटी पर पहुंचना होता है! जिसमें लगभग 2 घण्टे का समय यात्रा में लगते हैं फिर वापस जाने में भी लगभग उतने ही समय लग जाते हैं! कभी कभी तो समय से साधन न मिलने के कारण लगभग 3 से 4 घण्टे ड्यूटी पर पहुंचाने और इतना ही समय वापस घर जाने में लग जा रहा है! अतः एडवोकेट शेट्टी ने पत्र में मांग करते हुए लिखा है, कि ‘केंद्र और राज्यसरकार की भांति 50 प्रतिशत कामगारों और कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए नया परिपत्रक ज़ारी किया जाय! यही नहीं शेट्टी ने यह भी मांग की है कि काम पर हाज़िर होने वालों को दैनंदिन भत्ता परिपत्र के हिसाब से 300 रुपये दिए जाने चाहिए!
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